ये हैं कानपुर की मैरी कॉम, मुफलिसी पर पंच मारकर बढ़ रही आगे Kanpur News

शहर में बॉक्सिंग की प्रमुख खिलाडिय़ों में प्रीति ने जगह बनाकर नाम रोशन किया है।

By AbhishekEdited By: Publish:Mon, 09 Sep 2019 09:55 AM (IST) Updated:Mon, 09 Sep 2019 09:55 AM (IST)
ये हैं कानपुर की मैरी कॉम, मुफलिसी पर पंच मारकर बढ़ रही आगे Kanpur News
ये हैं कानपुर की मैरी कॉम, मुफलिसी पर पंच मारकर बढ़ रही आगे Kanpur News

कानपुर, अंकुश शुक्ल। शहर में भी एक ऐसी मैरी कॉम है, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों को मात देकर सफलता के मुकाम की ओर बढ़ रही हैं। ये हैं प्रीति शुक्ला, जिनका नाम लोगों की जुबां पर विपरीत परिस्थितियों को मात देकर सफलता हासिल करने वाले खिलाडिय़ों के रूप में सबसे पहले आता है। बॉक्सिंग में सफलता की ओर कदम बढ़ाने वाली प्रीति मुफलिसी के बीच लक्ष्य तक पहुंची हैं।

ठेला लगाकर परिवार चलाते हैं पिता

बड़े चौराहे पर ठेला लगाने वाले राकेश शुक्ला की 13 वर्षीय बेटी प्रीति शुक्ला ने बॉक्सिंग खेल में जोरदार पंच जमाकर सफलता की ओर अपने कदम बढ़ा दिए। ओईएफ स्कूल फूलबाग में कक्षा नौ में पढऩे वाली प्रीति वर्तमान में शहर की प्रमुख बॉक्सिंग खिलाडिय़ों में शुमार है। वह बॉक्सिंग की राष्ट्रीय प्रतियोगिता की तैयारियों में लगी है। प्रीति कई प्रदेशस्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुकी हैं।

पिता से छिपकर सीखा बॉक्सिंग का हुनर

बातचीत में प्रीति ने बताया की पिता को मेरा खेल से जुडऩा पसंद नहीं था। जिसके कारण बॉक्सिंग खेल छुपकर सीखा। क्योंकि पिता पुराने विचारों वाले हैं। जो बेटियों को घर से निकलना गलत समझते थे। ओईएफ स्कूल के कोच मोहित व ग्रीनपार्क के कोच सुनील कुमार की मदद से बॉक्सिंग की बारीकियों को सीखकर यह मुकाम पाया। वर्तमान में बॉक्सिंग में सात से ज्यादा पदक जीत चुकीं यह होनहार खिलाड़ी संसाधन व डाइट की कमी से जूझ रहीं है। आर्थिक तंगी के कारण प्रीति को सही डाइट नहीं मिल पाती। अभ्यास के दौरान प्रीति को संसाधन जैसे ग्लव्स, जूते व डाइट की कमी का सामना करना पड़ता है।

ग्लव्स मांगकर जीता रजत

कोच सुनील ने बताया की प्रीति के पास झांसी में हुई प्रदेशस्तरीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता खेलने के लिए ग्लव्स नहीं थे। जिसके चलते उसने साथी सीनियर खिलाड़ी तनीषा के ग्लव्स मांगकर मैच खेला और रजत पदक हासिल किया।

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