Pollution in Kanpur: बढ़ते कोहरे से बजी स्मॉग के खतरे की घंटी, हानिकारक गैसें कर रहीं सांसों पर हमला

-एक सप्ताह में पीएम 2.5 की मात्रा 300-400 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब से अधिक। सभी 21 पॉल्यूशन मॉनीटङ्क्षरग सेंसर में ज्यादातर में पीएम-2.5 की मात्रा 200 से ऊपर दर्ज की गई जो सामान्य से बहुत अधिक रही जबकि वहां पर चुनिंदा लोग ही स्कूटर बाइक व कार से चलते हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 06:10 AM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 06:10 AM (IST)
Pollution in Kanpur: बढ़ते कोहरे से बजी स्मॉग के खतरे की घंटी, हानिकारक गैसें कर रहीं सांसों पर हमला
कानपुर में बढ़ रहे प्रदूषण दर्शाती सांकेतिक तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। शहर में वाहनों का बढ़ता दबाव और चल रहे निर्माण कार्यों से वातावरण में हानिकारक गैसों और धूल के बारीक कण पहले ही मुसीबत बने हुए थे। बदलते मौसम को देखते हुए अब कोहरे व धुएं से स्मॉग का खतरा भी बढऩे लगा है। सुबह के वक्त घने कोहरे के चलते पर्यावरणविद् आने वाले दिनों में स्मॉग की आशंका जता रहे हैं। पिछले सात दिन में पीएम-2.5 की मात्रा 300 से लेकर 400 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब से अधिक पाई गई है। यह खतरे की घंटी है।

कोहरे के कारण हानिकारक गैसों का प्रभाव शहर में बढ़ रहा है। रविवार सुबह कोहरे की चादर से शहर ढका रहा, जिसके कारण प्रदूषण के कण ऊपरी सतह पर नहीं जा पाए और पर्यावरण प्रभावित रहा। कोहरे के साथ धुआं मिलने से जरा सी दूर देखना भी मुश्किल हो रहा था। जगह-जगह निर्माण कार्य के चलते वाहन चलने से धूल भी बेतहाशा उड़ रही है। इससे पर्यावरण में पीएम-10 की मात्रा भी बढ़ी है। शहर ने अपने साथ आइआइटी की हवा भी प्रदूषित कर दी है। यहां पर लगे सभी 21 पॉल्यूशन मॉनीटङ्क्षरग सेंसर में ज्यादातर में पीएम-2.5 की मात्रा 200 से ऊपर दर्ज की गई जो सामान्य से बहुत अधिक रही, जबकि वहां पर चुङ्क्षनदा लोग ही स्कूटर, बाइक व कार से चलते हैं। ज्यादातर प्रोफेसर साइकिल से अपने रोजमर्रा के काम करते हैं। शहर में पीएम-2.5 की औसत मात्रा 319 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब दर्ज की गई जबकि यह अधिकतम 435 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब तक पहुंच गई।

स्मॉग के साथ एयरोसोल का खतरा भी बरकरार

आइआइटी के सिविल इंजीनियङ्क्षरग विभाग के प्रोफेसर और पर्यावरणविद् प्रो. सच्चिदानंद त्रिपाठी ने बताया कि स्मॉग के साथ एयरोसोल (हवा में निलंबित अतिसूक्ष्म बूंदें) का खतरा भी बरकरार है। मौसम की वर्तमान स्थिति को देखते हुए धातु के सूक्ष्म कण ओस के साथ मिलकर हानिकारक एयरोसोल बना सकते हैं। लोगों को चाहिए कि बिना मास्क के घर से बाहर न निकलें। कोरोना के साथ इस बदलते मौसम में प्रदूषण का खतरा बना हुआ है। 

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