बुंदेलखंड में एक घंटे की अनोखी पहल, चित्रकूट में सात मिनट पहले ही लक्ष्य पूरा

बुंदेलखंड की सूखी धरती पर हरियाली लाने के लिए वनविभाग ने एक दिन में एक समय पर पौधरोपण की अनोखी मुहिम चलाई।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 28 Jul 2020 01:24 PM (IST) Updated:Tue, 28 Jul 2020 01:24 PM (IST)
बुंदेलखंड में एक घंटे की अनोखी पहल, चित्रकूट में सात मिनट पहले ही लक्ष्य पूरा
बुंदेलखंड में एक घंटे की अनोखी पहल, चित्रकूट में सात मिनट पहले ही लक्ष्य पूरा

बांदा, जेएनएन। विश्व कीर्तिमान बनाने के लिए प्रदेश सरकार की पहल पर बुंदेलखंड में भी मंगलवार को अनोखी मुहिम चलाई गई। इसमें बांदा समेत चित्रकूट को भी शामिल किया गया, जिसमें सात मिनट पहले लक्ष्य पूरा करके चित्रकूट ने रिकॉर्ड बनाया। इसके अलावा इस मुहिम में बाराबंकी, अयोध्या, लखनऊ, सीतापुर, मेरठ और गौतमबुद्ध नगर वन प्रभाग को भी शामिल किया गया। इन जनपदों में एक ही स्थान पर जैव विविधता पर आधारित 240 प्रजातियों के पौधे रोपे गए।

बांदा में कृषि विश्वविद्यालय में पौधरोपण

गिनीज बुक में विश्व रिकार्ड कायम करने के लिए प्रदेश सरकार के निर्देश पर वन विभाग ने मंगलवार को बांदा में कृषि विश्वविद्यालय परिसर और चित्रकूट रैपुरा वन रेंज के कपुरी वन ब्लॉक में पौधरोपण की शरुआत की गई। बुंदेलखंड की सूखी धरती पर हरियाली लाने के लिए वन विभाग ने इस अभियान में प्रतिभाग करने के लिए पहले से तैयारी कर ली थी। एक दिन में तय समय पर एक साथ पौधरोपपण के लिए अलग-अलग कई टीमें बनाई गई थीं। बांदा के कृषि विश्वविद्यालय परिसर में वन संरक्षक व प्रभागीय वनाधिकारी की अगुवाई में सुबह दस 10 बजे से 11 बजे तक पौधरोपण चला।

पौधरोपण स्थल पर लगाई पट्टिका

चिह्नित स्थल पर 15 कर्मचारियों ने पौध लगाए, 15 कर्मियों ने फोटोग्राफी की और वानिकी विभाग की दो महिला प्रवक्ताओं ने मानीटरिंग की। एक घंटे में वन संरक्षक केके सिंह और डीएफओ संजय अग्रवाल के निर्देशन में एक साथ 240 प्रजातियों के पौधे रोपित किए गए। प्रत्येक स्थल पर 30 प्रजातियों के 12-12 पौधों को मिलाकर कुल 360 पौधे लगाए गए। इसमें एक समय में गड्ढा खोदने से लेकर पौधा लगाने के बाद पानी डालना भी शामिल था। प्रत्येक पौधरोपण के बाद पौधे के नाम की पट्टिका लगाई गई। कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. यूएस गौतम, वानिकी विभाग के डाॅ. संजीव कुमार भी सहयोग में रहे। समापन पर जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल और सिटी मजिस्ट्रेट सुरेंद्र सिंह ने पौधरोपण देखा।

ये पौधे हुए रोपित

पौधरोपण में जैव विविधता पर आधारित लुप्त हो रहे पौधे शामिल किए गए। इनमें बूटा, कुम्टठा, खोकली, धौ, करधई, भुड़कुट, सतावर, कमरख, सलई, मदार, कुंभी, गुग्गल, दहिमन, बैंगनी तबोविया, लेंडिया, चीकू, गरुण, आकाश नमीम, नींबू तुलसी, वन तुलसी, जहर मोहरा, तुलसी (रामा), जैतून, सोनपाठा, रुक्षित, बीजा साल, पुत्रंजीवा, कुसुम, एगुवा, खरहार, बेहया, हरिचंपा, गिनी घास शामिल हैं, जो बुंदेलखंड के मौसम के अनुकूल बेहतर हैं।

चित्रकूट में सात मिनट पहले ही लक्ष्य पूरा

एक की घंटे अनोखी पहले में चित्रकूट में रैपुरा वन रेंज के कपुरी वन ब्लॉक में 15 टीमों ने पौधरोपण करके सात मिनट पहले ही लक्ष्य पूरा कर लिए। दस बजते ही टीमें पौधारोपण के लिए गड्ढे खोदने में जुट गईं। डीएफओ कैलाश प्रकाश ने बताया कि एक घंटे में 30 प्रजतियों के 12-12 पौधे कुल 360 पौधे लगाने थे लेकिन टीमों ने सात मिनट पहले ही पौधरोपण का काम पूरा किया है। विश्व रिकार्ड की निगरानी के लिए ग्रामोवविश्विद्यालय के वनस्पति संकाय के प्रों. डॉ रवींद्र सिंह, डॉ आलोक सिंह व गोस्वामी तुलसीदास महाविद्यालय बेड़ी पुलिया कर्वी के प्राचार्य डॉ राजेश पाल व प्रोफेसर डॉ धर्मेंद्र सिंह रहे। सहायक प्रभागाीय वनाधिकारी आरके दीक्षित भी मौजूद रहे।

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