कार्रवाई हुई बेकार, ओवरलोड ट्रकों ने फिर पकड़ी रफ्तार

निदेशक एवं विशेष सचिव भू-तत्व व खनिकर्म की छापामारी का असर खत्म हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jan 2019 01:28 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jan 2019 01:28 AM (IST)
कार्रवाई हुई बेकार, ओवरलोड ट्रकों ने फिर पकड़ी रफ्तार
कार्रवाई हुई बेकार, ओवरलोड ट्रकों ने फिर पकड़ी रफ्तार

संवाद सहयोगी, घाटमपुर: निदेशक एवं विशेष सचिव भू-तत्व व खनिकर्म की छापामारी का असर राजमार्ग पर 24 घंटे से पहले ही खत्म हो गया। शनिवार सुबह से रात तक जगह-जगह जुटे ट्रांसपोर्टर छापामारी को लेकर परेशान घूम रहे थे। लेकिन रविवार को पूरे दिन बॉडी के ऊपर तक भूसे की तरह मौरंग व गिट्टी लादे ट्रक व डंपर तंत्र को मुंह चिढ़ाते बेखौफ गुजरे।

शुक्रवार मध्य रात के बाद निदेशक एवं विशेष सचिव भू तत्व व खनिकर्म डॉ. रोशन जैकब ने सीडीओ, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट व एसीएम-5 की टीमें गठित कर राजमार्ग पर उतरी थी। जिनकी लोकेशन न मिल पाने के कारण सजेती से घाटमपुर के बीच 62 ओवरलोड व बगैर रायल्टी पर्ची (एमएम-11) वाले ट्रक व डंपरों को दबोच कर पुलिस सपुर्दगी में दिया गया था। बड़ी तादाद में ओवरलोड व सरकारी राजस्व की चोरी करने वाले ट्रक पकड़े जाने के बाद हाहाकार मचना लाजिमी थी। जानकारी के बाद स्थानीय मंडी समिति से लेकर मुख्य चौराहा, अलियापुर टोल प्लाजा व सजेती थाना के आसपास दिन भर मंडराते रहे परिवहन व्यवसायी झुंड बना कर लोकेशन न मिल पाने को लेकर दुख जता रहे थे। पूरी गोपनीयता से चलाए गए अभियान में प्रशासन के हत्थे कई बड़े ओवरलोड माफिया की गाड़ियां भी फंसी थी। उधर, शनिवार देर रात ही लोकेशन माफिया द्वारा एआरटीओ व खनिज टीम के राजमार्ग से हटने की सूचना प्रसारित करने के बाद ही हमीरपुर एवं आसपास के ¨लक मार्ग व गांवों में छिपे खड़े ओवरलोड ट्रक व डंपरों का कतार बना कर धड़ल्ले से गुजरना शुरू हुआ। प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रापर्टी एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं

निदेशक एवं विशेष सचिव भू तत्व एवं खनिकर्म डा. रोशन जैकब व अन्य आला अफसरों के जाने के बाद परिवहन व खनिज विभाग की टीमों ने ओवरलो¨डग माफिया को पर्याप्त राहत दी है। मिलीभगत के लगते रहे आरोपों के बीच टीमों ने पकड़ी गई गाड़ियों से पेनाल्टी वसूली शुरू की, लेकिन शासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद ओवरलोड वाहनों के चालकों व मालिकों के खिलाफ प्रिवेंशन आफ डैमेज टू पब्लिक प्रापर्टी एक्ट 1984 के तहत थानों में मुकदमा पंजीकृत नहीं कराया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद शासन ने मुकदमा पंजीकृत कराने का जिम्मा परिवहन विभाग को सौंप रखा है।

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