Kanpur Scam: अब ईओडब्ल्यू करेगा जेएनएनयूआरएम और केडीए में घोटाले की जांच, एक करोड़ से ज्यादा का है मामला

जेएनएनयूआरएम और केडीए में डीजल घोटोले के मामलों में थाना पुलिस ने उच्चाधिकारियों को संस्तुति रिपोर्ट भेज दी है। इसमें एक करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला सामने आया है अब शासन की संस्तुति का इंतजार किया जा रहा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 08:58 AM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 08:58 AM (IST)
Kanpur Scam: अब ईओडब्ल्यू करेगा जेएनएनयूआरएम और केडीए में घोटाले की जांच, एक करोड़ से ज्यादा का है मामला
कानपुर में घोटालों की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई।

कानपुर, जेएनएन। जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूवल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत डाली गई पेयजल पाइप लाइन और केडीए के डीजल घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू (भ्रष्टाचार निवारण संगठन) के हवाले की जाएगी। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और दोनों ही मामलों में विवेचकों ने अपने संस्तुति रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी है। अब केवल शासन की हरी झंडी का इंतजार है।

पिछले दिनों भ्रष्टाचार से जुड़े दो मामलों में मुकदमा दर्ज हुआ है। एक मुकदमा जेएनएनयूआरएम के तहत शहर में बिछाई गई घटिया पेयजल पाइप लाइन को लेकर है, जिसमें जल निगम के परियोजना प्रबंधक बैराज इकाई शमीम अख्तर ने 24 इंजीनियरों के खिलाफ फजलगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। जिन 24 अभियंताओं पर मुकदमा हुआ है, उनमें से 16 रिटायर हो चुके हैं। आरोपितों में मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, परियोजना प्रबंधक और परियोजना अभियंता, सहायक परियोजना अभियंता स्तर के अभियंता शामिल हैं।

869.08 करोड़ रुपये की योजना का हश्र यह हुआ कि इतनी बड़ी रकम खर्च होने के बावजूद धरातल पर केवल भ्रष्टाचार के लीकेज फूटते रहे। इस परियोजना में पीएसपी पाइप डालने थे, लेकिन अफसरों ने अधोमानक जीआरपी पाइप डाल दिए। इंस्पेक्टर फजलगंज अजय सिंह ने बताया कि चूंकि भ्रष्टाचार का यह मामला एक करोड़ रुपये से अधिक है, इसलिए विवेचक की ओर से उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी गई है कि इसकी जांच ईओडब्ल्यू से करा ली जाए।

वहीं केडीए में वर्ष 2017 से वर्ष 2019 के बीच 2 करोड़ 15 लाख 57 हजार रुपये के हुए डीजल घोटाला में केयर टेकर ने बेनाझाबर स्थित पेट्रोल पंप संचालक के खिलाफ 12 जुलाई को थाना स्वरूप नगर में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में केडीए तीन अवर अभियंताओं कर्मेंद्र सिंह, अशत अली सिद्दीकी व रविंद्र प्रकाश और दो अन्य कर्मचारियों को निलंबित कर चुका है। इंस्पेक्टर स्वरूप नगर अश्वनी कुमार पांडेय ने बताया कि 2.15 करोड़ की रकम के भ्रष्टाचार के मामला है, ऐसे में मामले की जांच ईओडब्ल्यू से कराने के लिए संस्तुति भेज दी गई है।

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