कानपुर में शत्रु संपत्तियों में रहने वाले 32 परिवारों को नोटिस तामील, जानिए कौन-कौन है लिस्ट में शामिल

शत्रु संपत्ति के अभिरक्षक को प्रशासन ने सूचना भेजी है। इसमें नाला रोड कंघी मोहाल समेत तीनों चिंहित शत्रु संपत्तियों में रहने वाले 32 लोगों को नोटिस भेजी गई है। हालांकि कई सम्पत्तियों के रिकार्ड अभी नहीं मिले हैं।

By Abhishek VermaEdited By: Publish:Fri, 20 May 2022 04:37 PM (IST) Updated:Fri, 20 May 2022 04:37 PM (IST)
कानपुर में शत्रु संपत्तियों में रहने वाले 32 परिवारों को नोटिस तामील, जानिए कौन-कौन है लिस्ट में शामिल
नाला रोड स्थित दारुल मौला का भवन, जिसे शत्रु संपत्ति के रूप में चिन्हित किया गया है। जागरण

कानपुर, जागरण संवाददाता। प्रशासन ने नाला रोड, कंघी मोहाल समेत तीनों चिंहित शत्रु संपत्तियों में रहने वाले 32 लोगों को नोटिस तामील करा दी है।इसकी रिपोर्ट भी शत्रु संपत्ति के अभिरक्षक को भेज दी गई।नोटिस अवधि पूरी होने पर अभिरक्षक की ओर से प्राप्त दिशा निर्देशों के क्रम में कार्रवाई की जाएगी।

कौन संपत्ति किसकी है

-भवन संख्या 99/14ए रामजानकी मंदिर बेकनगंज को पाक नागरिक आबिद रहमान की है

-भवन संख्या 99/187 कंघी मोहाल की संपत्ति आमना खातून पत्नी उस्मान बेटी मौला बख्स की है

-भवन संख्या 88/21 नाला रोड दारुल मौला लखनऊ निवासी मौला बक्श की है।

दारुल मौला को लेकर नहीं मिले दस्तावेज

प्रशासन ने नाला रोड स्थित संपत्ति दारुल मौला को लेकर काफी कवायद की। इसके मालिक लखनऊ निवासी मौला बख्श से भी कई बार संपर्क किया लेकिन उन्होंने कई प्रयास के बाद भी दस्तावेज नहीं सौंपे। अब यहां भी नोटिस चस्पा करा दी गई है। अधिकारी बताते हैं कि मौला बख्श के तीन बेटे उमर फारूख, इब्राहिम अशरफ और हमीदुर रहमान व बेटी आमना खातून थे। उमर फारूख और आमना पहले ही पाकिस्तान चले गए जबकि हमीदुर रहमान के बेटे आबिद रहमान और बेटी गुड्डी आपा भी आजादी के समय पाक चले गए।इनके जाने पर लोगों ने औने पौने दाम में संपत्तियां खरीद लीं।  

क्या होती है शत्रु संपत्ति

शत्रु संपत्ति से तात्पर्य ऐसी संपत्ति से है जिसका मालिक पाकिस्तान जाकर बस गया। ऐसी शत्रु संपत्तियों काे नियंत्रण में लेने के लिए भारत सरकार ने शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 बनाया।इसमें वर्ष 2017 में संशोधन हुआ जिसके मुताबिक यदि कोई व्यक्ति पाकिस्तान जाकर बस गया है तो उसके विधिक उत्तराधिकारी भी उस संपत्ति का प्रयोग नहीं कर पाएंगे क्योंकि उस स्थिति में ऐसी संपत्ति शत्रु संपत्ति मानी जाएगी।

बैंक आफ बड़ौदा ने मांगी सूची

बैंक आफ बड़ौदा ने जिला प्रशासन से तीनों चिंहित संपत्तियों की सूची मांगी है। गौरतलब हो कि इन संपत्तियों पर ढाई करोड़ से ज्यादा लोन लिया गया है। ऐसे में बैंक प्रशासन इस बात की जांच करेगा आखिर किन परिस्थितियों में लोन पास किया गया था। लोन जमा न होने पर बैंक प्रबंधन ने भी नोटिस जारी कर रखी है।

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