न्यूयार्क व बुफेलो विश्वविद्यालय का आइआइटी से करार, संस्थानों के शिक्षक व शोधार्थी करेंगे एक दूसरे की मदद
आइआइटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर अभय करींदकर की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका के भ्रमण पर न्यूयार्क व बुफेलो विश्वविद्यालय से एमओयू साइन किया है। अब दोनों संस्थानों के शिक्षक व शोधार्थी एक दूसरे की मदद करते रहेंगे।
कानपुर, जागरण संवाददाता। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने मंगलवार को अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ बुफेलो और स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयार्क के साथ बहुसंस्थान के रूप में करार किया है। प्रो. करंदीकर के नेतृत्व में आइआइटी का प्रतिनिधिमंडल सात मई से 22 मई तक अमेरिका के भ्रमण पर गया है। वहां संस्थान के पूर्व छात्रों के साथ कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है और उनसे संस्थान के विकास में सहयोग की अपील की जा रही है।
इसी कार्यक्रम के तहत अब अमेरिका के बुफेलो विश्वविद्यालय और स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयार्क के साथ करार हुआ है। इस समझौते के तहत दोनों देशों के इन संस्थानों के शिक्षक, शोधार्थी व छात्र-छात्राएं एक दूसरे की मदद लेंगे। इस समझौते में आइआइटी कानपुर के साथ ही आइआइटी बांबे, आइआइटी बीएचयू, आइआइटी जोधपुर व अशोका यूनिवर्सिटी भी शामिल हैं।
प्रो. करंदीकर के मुताबिक यह समझौता यूनिवर्सिटी आफ बुफेलो के प्रेसीडेंट सतीश कुमार त्रिपाठी के साथ हुआ। इस समझौते के तहत सभी संस्थान साथ मिलकर अनुसंधान को बढ़ावा देंगे। भारतीय छात्र अमेरिका की इन यूनिवर्सिटी में जाकर शोधकार्यों में मदद ले सकेंगे।
इससे पहले प्रतिनिधिमंडल शिकागो में था, जहां पूर्व छात्रों से मुलाकात की थी। पूर्व छात्र डा. रथिन दत्ता ने प्रतिनिधिमंडल को डेढ़ लाख डालर (करीब 1.16 करोड़ रुपये) दिए है और करार किया है। आइआइटी कानपुर में मेडिकल टेक्नोलाजी, सतत ऊर्जा इंजीनियरिंग, नैनो टेक्नोलाजी और ड्रोन टेक्नोलाजी के क्षेत्र में काम हो रहे हैं और इसे बढ़ाने के लिए सहयोग देने की अपील की गई।