पौधरोपण में हुए घोटाले की निष्पक्ष जांच जरूरी

जेएनएनयूआरएम प्रोजेक्ट का आधा काम भी नहीं हुआ और हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने के नाम पर आठ अरब रुपये से अधिक खर्च हो गए। सड़कों के गढ्डे भरने और अतिक्रमण हटाने के नाम पर भी करोड़ों रुपये बर्बाद हुए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Sep 2018 01:25 AM (IST) Updated:Mon, 10 Sep 2018 10:15 AM (IST)
पौधरोपण में हुए घोटाले की निष्पक्ष जांच जरूरी
पौधरोपण में हुए घोटाले की निष्पक्ष जांच जरूरी

कानपुर : जेएनएनयूआरएम प्रोजेक्ट का आधा काम भी नहीं हुआ और हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने के नाम पर आठ अरब रुपये से अधिक खर्च हो गए। सड़कों के गढ्डे भरने और अतिक्रमण हटाने के नाम पर भी करोड़ों रुपये बर्बाद हुए। पेयजल, कूड़ा, टूटी सड़क, यातायात जाम समेत तमाम समस्याएं जस की तस हैं। इनके समाधान पर कैंट क्षेत्र के कांग्रेस विधायक सोहेल अख्तर अंसारी से दिग्विजय सिंह ने बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश..

प्रश्न : केडीए, नगर निगम, वन विभाग समेत तमाम विभागों ने 15 अगस्त को 16 लाख से अधिक पौधे लगाने का दावा किया। आप क्या मानते हैं।

उत्तर : पौधरोपण के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और जो दोषी हैं उनके विरुद्ध मुकदमा किया जाए।

प्रश्न : जेएनएनयूआरएम योजना के तहत पाइपलाइन डालने का काम अधूरा है। जनप्रतिनिधि होने के नाते लापरवाह अफसरों के विरुद्ध आवाज क्यों बुलंद नहीं करते?

उत्तर : पाइपलाइन डालने में हुई अनियमितता के खिलाफ आंदोलन करेंगे तो कार्यकर्ताओं को पुलिस परेशान करेगी। नगर विकास मंत्री से शिकायत कर चुका हूं कोई कार्रवाई नहीं हुई।

प्रश्न : सोसाइटी क्षेत्रों को नियमित करने की बात पिछले कई वर्षो से चल रही है, हुआ कुछ नहीं। जनता की समस्याएं सदन में क्यों नहीं उठाते?

उत्तर : सोसाइटी क्षेत्रों में पीने का पानी, बिजली, सड़क, सीवर भराव की समस्याएं हैं। कई बार मुद्दा उठा पर सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाया।

प्रश्न : आखिर सोसाइटी क्षेत्र कब तक नियमित होंगे?

उत्तर : सरकार चाहे तो शर्तो में ढील देकर आसानी से नियमित कर सकती है। वहां के लोगों से यूजर चार्ज ले और जो राशि आए उसी से विकास करा दे, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा।

प्रश्न : शहर में मूलभूत सुविधाओं के विकास और जनसमस्याओं के समाधान के लिए आखिर एक मंच पर विधायक और सांसद क्यों नहीं आते?

उत्तर : बहुत ही जल्द, महापौर, सांसद, शहर के दोनों कैबिनेट मंत्री और विधायकों की बैठक कराने की कोशिश कर रहा हूं। दलगत राजनीति से उठकर जनता की भलाई के लिए शहर के समग्र विकास पर चर्चा होगी। विकास हो जाए भले ही श्रेय जिसे लेना हो ले।

प्रश्न : आपकी नजर में शहर की सबसे बड़ी समस्या क्या है?

उत्तर : शहर में आधी से अधिक आबादी को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है। अशुद्ध पानी सबसे बड़ी समस्या है। इससे लीवर, किडनी, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो रही हैं। जल्द से जल्द पेयजल से संबंधित प्रोजेक्ट पूरे होने चाहिए।

प्रश्न : जनता लगातार टूट रही और धंस रही सड़कों से परेशान है। विपक्षी दल से जनप्रतिनिधि होने के नाते लोगों को आपसे ऐसे मुद्दे उठाने की अपेक्षा रहती है, लेकिन नहीं उठते।

उत्तर : सड़कों के निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है, इसलिए टूट रही हैं। सरकार को जांच करानी चाहिए। कई बार मांग कर चुका हूं पर कोई सुनने वाला नहीं है।

प्रश्न : नगर निगम प्रशासन आवारा जानवर न पकड़ने की वजह संसाधनों की कमी बता रहा है। आखिर जनप्रतिनिधि क्या कर रहे हैं?

उत्तर : हर सड़क पर आवारा पशु घूम रहे हैं। नगर निगम के अफसर खुद नहीं चाहते कि उन्हें पकड़ा जाए। जब कहें अपनी निधि से एक ट्रक उपलब्ध करा दूंगा। आवारा जानवरों के नाम पर जो राजनीति हो रही है वह अच्छी बात नहीं है।

प्रश्न : जलभराव के लिए किसे जिम्मेदार मानते हैं?

उत्तर : सीवर लाइनें और नाले कागज पर ही साफ कर दिए गए। लाखों रुपये खर्च हो गए। नाले यदि वास्तव में साफ होते तो जलभराव नहीं होता।

प्रश्न : आपको लगता है कि गंगा प्रदूषण मुक्त हो पाएगी। आरोप है कि टेनरियों से केमिकल युक्त पानी गंगा में बहाया जा रहा है। इसलिए गंगा प्रदूषित हो रही हैं।

उत्तर : ये टेनरी उद्योग को बंद करने की साजिश है। सिस्टम फेल हो चुका है। सरकार को चाहिए कि वह जल्द टेनरियों के ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना करे। प्रदूषण के नाम पर उद्योगों को बंद करके बेरोजगारी को ही बढ़ावा मिलेगा। ...परिचय...

- नाम : सोहेल अख्तर अंसारी

पद : विधायक

विधानसभा : कैंट

पार्टी : कांग्रेस

शिक्षा : स्नातक

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