छोटी-छोटी गलतियों पर नहीं रुकेगा माल, देना होगा मात्र एक हजार जुर्माना

सेंट्रल बोर्ड ऑफ इन डायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम की जीएसटी विंग ने व्यापारियों को दी राहत

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 01:44 PM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 01:44 PM (IST)
छोटी-छोटी गलतियों पर नहीं रुकेगा माल, देना होगा मात्र एक हजार जुर्माना
छोटी-छोटी गलतियों पर नहीं रुकेगा माल, देना होगा मात्र एक हजार जुर्माना

जागरण संवाददाता, कानपुर : माल भेजते समय छोटी-छोटी गलतियों पर अब वाहन और माल नहीं रोका जाएगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इन डायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम की जीएसटी विंग ने व्यापारियों को राहत दी है। नए निर्देशों के तहत मात्र एक हजार रुपये का जुर्माना लेकर माल छोड़ दिया जाएगा।

माल भेजते समय कई बार कारोबारी या ट्रांसपोर्टर से छोटी-छोटी गलतियां हो जाती हैं। कई बार ये गलतियां इतनी छोटी होती हैं कि उनसे टैक्स पर कोई असर नहीं पड़ता। फिर भी वाहन को रोक लिया जाता है। इसके बाद उन पर कार्रवाई भी हो जाती है। लगातार हो रही कार्रवाई को देखते हुए व्यापारी भी इसकी शिकायतें कर रहे थे। इन्हीं शिकायतों को ध्यान में रखते हुए छह बिंदुओं पर कारोबारियों को राहत दी गई है।

- - - - - - - - - -

इन मामलों में मिली राहत

1- माल पाने वाले या भेजने वाले के नाम की स्पेलिंग में कोई गलती हो, लेकिन उसका जीएसटी नंबर सही हो।

2- पिन कोड नंबर गलत हो, लेकिन माल भेजने वाले और पाने वाले का पता सही हो। इसमें यह बात ध्यान में रखी जाएगी कि पिन कोड की गलती से कहीं ई-वे बिल की अवधि तो नहीं बढ़ रही है।

3- माल पाने वाले के पते में गलती हुई हो, लेकिन उसका मोहल्ला व अन्य जानकारियां पूरी तरह सही हों।

4- ई-वे बिल में एक-दो डिजिट की गलती हो गई हो।

5- एचएसएन कोड की चौथी या छठी संख्या में गलती हो, लेकिन पहली दो संख्या बिल्कुल सही हों। इसके साथ वस्तु और उसकी कर की दर सही हो।

6- वाहन की एक या दो संख्या में गलती हो।

- - - - - - - - - -

इस तरह लगेगा जुर्माना

- प्रांत के अंदर माल जा रहा है तो 500 रुपये सीजीएसटी और 500 रुपये एसजीएसटी के जुर्माने के रूप में लिए जाएंगे।

- अगर माल प्रांत के बाहर जा रहा है तो 1000 रुपये आइजीएसटी के रूप में जुर्माना लिया जाएगा।

- - - - - - - - - -

इस राहत के बाद न तो गाड़ी जब्त होगी और न माल। यदि लिपिकीय त्रुटि की स्थिति में कर अपवंचना नहीं हो रही हो तो अन्य मामलों में भी राहत दी जानी चाहिए।

-संतोष कुमार गुप्ता, टैक्स सलाहकार

chat bot
आपका साथी