कानपुर में मोतीझील से नयागंज तक बनेगा मेट्रो टनल, वेंटिलेशन की व्यवस्था बनाएगी खास
आइआइटी से मोतीझील तक का कार्य सब जमीन से ऊपर है लेकिन मोतीझील के बाद मेट्रो को अंडर ग्राउंड किया जाना है।
कानपुर, जेएनएन। कानपुर की मेट्रो में अंडरग्राउंड टनल के अंदर विश्वस्तरीय वेंटीलेशन और इनवायरमेंट की व्यवस्था होगी। मोतीझील के बाद से नयागंज तक के टनल और अंडरग्राउंड स्टेशन के निर्माण के लिए मेट्रो ने जो टेंडर आमंत्रित किए हैं, उसमें यह शर्त साफ रूप से जोड़ी गई है कि जिन कंपनियों ने दुनिया के किसी भी हिस्से के मेट्रो निर्माण के दौरान इस क्षेत्र में कार्य किया हो, वे ही टेंडर डालें। यह इसलिए है ताकि टनल या अंडरग्राउंड स्टेशन में स्वच्छ वायु रहे और यात्रियों को कोई परेशानी ना हो। 1,400 करोड़ रुपये से तीन वर्ष में यह कार्य पूरा करना होगा। इसमें चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नयागंज के अंडरग्राउंड स्टेशन का निर्माण भी शामिल है।
मेट्रो का कार्य यूं तो शहर में नवंबर 2019 से ही चल रहा है लेकिन आइआइटी से मोतीझील तक का कार्य सब जमीन से ऊपर है लेकिन मोतीझील के बाद मेट्रो को अंडर ग्राउंड किया जाना है। उसके बाद पूूरा रूट अंडर ग्राउंड ही है। इसके लिए बहुत दिनों से अंडरग्राउंड कार्य के लिए टेंडर होने की बात की जा रही थीं। आखिरकार 10 जुलाई को मेट्रो ने इसके लिए टेंडर जारी कर दिया। ग्लोबल टेंडर में सुरक्षा उपायों को लेकर खास ध्यान दिया गया है।
अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशनों में इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल सिस्टम, टनल वेंटीलेशन सिस्टम, इनवायरमेंट कंट्रोल सिस्टम के साथ पूरा निर्माण किया जाना है, इसलिए पहले भी मेट्रो के कार्य से जुड़ी रही कंपनियों को ही प्राथमिकता की बात कही गई है। साथ ही कंपनियों के लिए इन क्षेत्रों में कार्य के न्यूनतम अनुभव की भी शर्त लगाई गई है।
मेट्रो के अधिकारियों के 18 सितंबर को टेंडर खुलेंगे। इसके बाद जिस दिन कंपनी को टेंडर दिए जाने के संबंध में कागजात सौंपे जाएंगे, उस दिन से तीन वर्ष के अंदर उसे कार्य पूरा करना होगा। नयागंज से ट्रांसपोर्ट नगर के लिए अलग टेंडर जारी किया जाएगा।
टनल की अंदरुनी चौड़ाई 5.8 मीटर
अंडरग्राउंड मेट्रो के लिए जो टनल बनाई जाएगी, उसकी अंदरुनी चौड़ाई 5.8 मीटर होगी। यह चौड़ाई मेट्रो में बैठने वाले यात्री को दिखाई देगी लेकिन इस टनल की बाहरी चौड़ाई 6.3 मीटर होगी। यह दिखाई नहीं देगी। आधा मीटर का यह अंतर टनल की मोटाई के रूप में होगा जिससे उसे मजबूती प्रदान की जाएगी। यह टनल जमीन से करीब 40 फीट नीचे होगी।