कानपुर मेडिकल कॉलेज को अबतक नहीं मिलीं दवाएं, 119 प्रकार की दवाओं आपूर्ति अटकी
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्राचार्य ने शासन को पत्र लिखकर समस्या बताई है। भुगतान करने के बाद भी अभी तक दवाओं की आपूर्ति नहीं हुई है। वैकल्पिक इंतजाम के लिए प्राचार्य ने 25 लाख रुपये का बजट जारी कर दिए हैं।
कानपुर, जेएनएन। हैलट अस्पताल प्रशासन ने दवाओंं के लिए उप्र मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन (यूपीएमएससी) को 1.30 करोड़ रुपये का भुगतान दस दिन पहले कर दिया था, लेकिन आपूर्ति अभी तक नहीं हुई है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने शासन को पत्र लिखकर समस्या बताने के साथ ही वैकल्पिक इंतजाम के लिए 25 लाख रुपये जारी किए हैं।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे के आदेश के बाद हैलट में दवाओं की खरीद व्यवस्था में बदलाव हो गया है। नई व्यवस्था के तहत बजट का 80 फीसद आपूर्ति यूपीएमएससी करेगा, जबकि 20 फीसद रेट कांट्रेक्ट पर कॉलेज प्रशासन खरीद करेगा। ये नियम लागू होने के बाद से हैलट की व्यवस्था गड़बड़ा गई है। अन्य मेडिकल कॉलेजों के मुकाबले यहां सर्वाधिक मरीज आते हैं।
कोविड काल में यहां इमरजेंसी, सेमी इमरजेंसी, ओपीडी, कोविड एवं इनडोर सेवाएं चलने से दवाइयों की खपत अधिक है। जरूरी दवाओं का स्टॉक खत्म यूपीएमएससी को हैलट एवं संबद्ध अस्पतालों में 119 प्रकार की दवाओं की आपूर्ति के लिए 1.30 करोड़ का भुगतान कर दिया है। जरूरी दवाओं का स्टॉक खत्म होने पर हैलट के सीएमएस ने प्राचार्य को अवगत कराया है।
119 प्रकार की दवाएं अभी तक नहीं भेजी गईं हैं, जबकि भुगतान पहले कर चुके हैं। इस समस्या से शासन को अवगत करा दिया है। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए 25 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। हालांकि अस्पताल में खपत के हिसाब से यह धनराशि पर्याप्त नहीं है। प्रो. आरबी कमल, प्राचार्य जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज