मंधना-भौंती बाईपास से समस्याओं का होगा समाधान, यूपीसीडा की इंटीग्रेटेड टाउनशिप साबित होगी वरदान

मंधना-भौंती बाईपास बनने से दूसरे शहरों को जाने वाले वाहनों की इंट्री शहर में नहीं होगी। इससे शहर में जाम और प्रदूषण पर अंकुश लगेगा। बाईपास को रिंग रोड का हिस्सा बनाने पर सहमति भी बन चुकी है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 23 Nov 2020 07:36 AM (IST) Updated:Mon, 23 Nov 2020 07:36 AM (IST)
मंधना-भौंती बाईपास से समस्याओं का होगा समाधान, यूपीसीडा की इंटीग्रेटेड टाउनशिप साबित होगी वरदान
कानपुर को जाम से मुक्ति दिला सकता है बाईपास रोड।

कानपुर, जेएनएन। मंधना-भौंती बाईपास कहने के लिए तो एक 9.50 किलोमीटर लंबी फोर लेन सड़क होगी, लेकिन शहरवासियों के लिए वरदान साबित होगा। बाईपास न सिर्फ कानपुर-इटावा हाईवे और जीटी रोड के बीच समग्र विकास की महत्वपूर्ण वजह बनेगा, बल्कि औद्योगिक विकास को भी इससे पंख लगेंगे। जाम से मुक्ति भी मिलेगी। बस जरूरत है इस बाईपास की स्थापना का संकल्प लेकर एकजुटता के साथ प्रयास करने की। इस बाईपास के बनने से न सिर्फ जीटी रोड और इटावा हाईवे एक-दूसरे से जुड़ेंगे, बल्कि शहर से गुजरने वाले प्रत्येक राष्ट्रीय राजमार्ग की इससे कनेक्टिविटी हो जाएगी। बस इसीलिए अधिकारी हों या जनप्रतिनिधि, संयुक्त रूप से प्रदेश और केंद्र सरकार तक पैरवी में जुटने की जरूरत है।

जनप्रतिनिधियों को करने होंगे प्रयास

रिंग रोड प्रोजेक्ट की बात होते-होते काफी वक्त बीत चुका है। 105 किलोमीटर लंबी आउटर रिंग रोड की लागत पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक होने की वजह से धनराशि की मंजूरी पर ही मामला आकर फंस जाता है। अभी तक इसके एलाइनमेंट को भी मंजूर नहीं किया गया। मंधना-भौंती बाईपास बनने से दूसरे शहरों को जाने वाले वाहनों की इंट्री शहर में रोक देने से भी काफी दुश्वारियां कम हो जातीं। इसके लिए भी कवायद प्रस्ताव बनने व भेजने भर तक ही सीमित रही।

ऐसा नहीं है कि यहां के सांसद और विधायक इस बाईपास की महत्ता के बारे में नहीं जानते, उन्हें बखूबी पता है कि यह बाईपास उनके शहर को न सिर्फ जाम से मुक्त करेगा, बल्कि वायु और ध्वनि प्रदूषण से भी बचाएगा, विकास के द्वार खोलेगा। इसके बावजूद किसी भी सांसद या विधायक ने प्रयास नहीं किया है। इस बाईपास के बनने से यूपीसीडा की प्रस्तावित इंटीग्रेटेड टाउनशिप को भी लाभ मिलेगा। बाईपास टाउनशिप के पास से ही प्रस्तावित है। उद्यमी आसानी से दूसरे शहरों को अपने उत्पाद लेकर आ-जा सकेंगे।

चुनाव में वादे तो बहुत, काम नहीं

लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा का, जाम के संकट से निजात दिलाने के वादे तो खूब किए गए, लेकिन प्रयास धेला भर नहीं हुआ। 2022 में फिर विधानसभा चुनाव होंगे। फिर वादे की झड़ी लगेगी, लेकिन पूर्व के चुनाव में हुए वादों का क्या होगा। जाम से निजात दिलाने के लिए इस बाईपास को बना दिया जाता तो यह शहर के लोगों के लिए बड़ा तोहफा होता। इस तरह बन सकता है बाईपास बाईपास के लिए 82 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है। रिंग रोड के निर्माण के लिए राज्य सरकार को भूमि अधिग्रहण में अंशदान देना है।

राज्य सरकार फिलहाल बाईपास के लिए ही भूमि अधिग्रहण कर दे और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बाईपास बना दे तो बड़ी राहत मिल जाएगी। फिर जब रिंग रोड बने तो इस बाईपास को उसका हिस्सा बना लिया जाए। बाईपास को ङ्क्षरग रोड का हिस्सा बनाने पर सहमति भी बन चुकी है। वर्तमान में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात अमित घोष जब कानपुर के मंडलायुक्त थे तो उन्होंने उच्च स्तरीय समग्र विकास समिति की बैठक में बाईपास को रिंग रोड का ही हिस्सा मानने पर सहमति दी थी।

जीटी रोड चौड़ीकरण के साथ हो सकता काम

अलीगढ़ से कानपुर के बीच जीटी रोड के चौड़ीकरण का कार्य हो रहा है। जीटी रोड का चौड़ीकरण मंधना से कल्याणपुर के बीच में बहुत जरूरी नहीं होगा, अगर यह बाईपास बन जाए। अगर चौड़ीकरण करना मजबूरी है तो भी इसी के साथ मंधना-भौंती बाईपास का काम उसी ठेकेदार से कराया जा सकता है, जो जीटी रोड का चौड़ीकरण करेगा। जब तक कन्नौज से कानपुर आइआइटी तक काम होगा तब तक मंधना से भौंती के बीच भूमि अधिग्रहण भी हो जाएगा।

मिल सकता तात्कालिक लाभ

मंधना से टिकरा होते हुए शिवली रोड को क्रॉस कर बहेड़ा गांव से स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया पनकी के पीछे होकर कानपुर-इटावा हाईवे के भौती फ्लाईओवर से जुडऩे वाली सड़क अभी सिंगल लेन रोड है। साढ़े तीन मीटर चौड़ी इस रोड को आसानी से टू लेन किया जा सकता है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण भी नहीं करना होगा। अभी इस पर हर रोज डेढ़ से दो सौ ट्रक निकलते हैं। सड़क की लंबाई करीब 12.50 किलोमीटर है। इसे बनाने में बहुत ज्यादा खर्च भी नहीं आएगा। उच्चस्तरीय समग्र विकास समिति के समन्वयक नीरज श्रीवास्तव का कहना है कि यह अच्छा विकल्प हो सकता है। इस मार्ग के बारे में मंडलायुक्त को बताएंगे। उनकी सहमति मिलते ही सर्वे कराने की प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी।

इनकी राय में जीटी रोड को बाईपास बनाकर इटावा हाईवे से जोडऩा बहुत ही जरूरी है। मंधना-टिकरा, भौंती मार्ग अगर चौड़ा हो सकता है तो तत्काल कर दिया जाए और बाईपास के निर्माण की प्रक्रिया भी आगे बढ़ाई जाए। - हरेंद्र मूरजानी, अध्यक्ष लघु उद्योग भारती कानपुर मंधना-भौंती बाईपास के निर्माण की मांग वर्षों से कर रहा हूं। यह बाईपास बनना ही चाहिए। इससे सिर्फ जाम ही नहीं खत्म नहीं होगा, यह विकास का मार्ग भी खोलेगा। निर्माण के लिए तेजी से प्रक्रिया हो। - शिवकुमार गुप्ता, उद्यमी वैसे तो रिंग रोड के प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल जानी चाहिए, लेकिन नहीं मिल रही है तो विकल्प के रूप में मंधना-भौती बाईपास के निर्माण का काम होना चाहिए। जनप्रतिनिधियों को इस पर गंभीरता दिखानी चाहिए। - बृजेश अवस्थी, अध्यक्ष, पीआइए कानपुर

chat bot
आपका साथी