Kanpur Violence: मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी के चार बैंक खाते मिले, 50 करोड़ से ज्यादा लेनदेन आया सामने

कानपुर बवाल के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी के अर्थतंत्र की जांच एटीएस की विजिलेंस टीम ने की तो आंखें खुली रह गई। हयात के चार बैंक अकाउंट सामने आए हैं। एक खाते में साढ़े तीन करोड़ तो अन्य खातों में 48 करोड़ का लेनदेन हुआ है।

By Abhishek VermaEdited By: Publish:Wed, 08 Jun 2022 08:47 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jun 2022 08:47 PM (IST)
Kanpur Violence: मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी के चार बैंक खाते मिले, 50 करोड़ से ज्यादा लेनदेन आया सामने
अब तक की जांच में तीन सफेदपोश समेत एक दर्जन एटीएस के रडार पर आए।

कानपुर, जागरण संवाददाता। नई सड़क उपद्रव की जांच कर रही एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) को एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात जफर हाशमी के अर्थ तंत्र से जुड़ी  महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी हैं। सामने आया है कि हयात जफर अपने संगठन के नाम से जिन बैंक खातों का उपयोग कर रहा था, उनमें  पिछले कुछ सालों में करोड़ों का लेनदेन हुआ है। जांच की जा रही है कि इतने बड़ी रकम कहां से आई और किन मदों में खर्च हुुई। हालांकि यह गुत्थी सुलझेगी जब हयात को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। वहीं, अधिकृत रूप से जांच से जुड़ा कोई भी अधिकारी कुछ भी कहने से कतरा रहा है।  

उपद्रव की जांच कर रही एटीएस को अब की जांच में हयात जफर हाशमी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी हैं। असल में एटीएस जफर के सहयोगियों और उसके अर्थतंत्र की जांच कर रही है। अर्थतंत्र की जांच के दौरान जो बातें सामने आईं, उससे अफसरों की आंखें खुली रह गई। अफसर पूरे यकीन से तो नहीं कह रहे, लेकिन उनका अनुमान है कि खाड़ी देशों से यह पैसा आया। पैसा किस मद में आया और किस मद में खर्च हुआ, यह जांच का विषय है, लेकिन इसमें भी अफसर यही मान रहे हैं कि यह पैसा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में प्रयोग किया गया। सूत्रों के मुताबिक एटीएस को हयात जफर के चार बैंक खाते मिले हैं। एक बैंक खाता बाबूपुरवा क्षेत्र में स्थित एक निजी बैंक में है, जो कि वर्ष 2019 में खोला गया था।

दावा है कि इस बैंक खाते में 30 जुलाई 2019 को 3.54 करोड़ा रुपये जमा हुए। यह पैसा विदेश से आया था। सितंबर 2021 को इसमें से 98 लाख रुपया निकाला गया। अभी भी इस खाते में 1.27 करोड़ रुपये जमा हैं। दो अन्य बैंक खाते कर्नलगंज और बेकनगंज में हैं। वहीं, एक चौथा बैंक खाता पंजाब नैशनल में भी मिला है। इनकी बहुत अधिक जानकारी अभी एटीएस को नहीं मिली है, लेकिन शुरुआती जांच में यह दोनों खाते बेहद खास नजर आ रहे हैं। यह खाते पुराने हैं और पिछले तीन सालों के दौरान इनमें करीब 48 करोड़ रुपये आए हैं। हालांकि अभी इन खातों में करीब 12 लाख रुपये ही बचा हुआ है।  इतनी बड़ी रकम का क्या हुआ, यह एक बड़ा सवाल है। सवाल यह भी है कि क्या इस रकम का प्रयोग देश विरोधी कार्यों के लिए हुआ। 

chat bot
आपका साथी