अमेरिका में हिंदी की शान में गूंजेेंगे कानपुर की शायरा शबीना के स्वर

अंतरराष्ट्रीय हिंदी समिति के कवि सम्मेलन में शबीना अदीब 20 शहरों में सुनाएंगी शायरी।

By AbhishekEdited By: Publish:Sat, 30 Mar 2019 05:50 PM (IST) Updated:Sat, 30 Mar 2019 05:50 PM (IST)
अमेरिका में हिंदी की शान में गूंजेेंगे कानपुर की शायरा शबीना के स्वर
अमेरिका में हिंदी की शान में गूंजेेंगे कानपुर की शायरा शबीना के स्वर

कानपुर, जेएनएन। 18वीं सदी में हिंदीवी भाषा से निकली जुबां की दो धारा हिंदी और उर्दू का रिश्ता अब तक 'रेख्ता' के भरोसे रहा। मगर, साहित्य के बड़े मंचों ने भाषाई सद्भाव के लिए नए द्वार खोल दिए हैं। अमेरिका में चार दशक से हिंदी की सेवा में रत संस्था अंतरराष्ट्रीय हिंदी समिति के मंचों पर पहली मर्तबा किसी शायरा की मौजूदगी होगी। हिंदी की शान में कानपुर निवासी प्रसिद्ध शायरा शबीना अदीब गजल-शायरी सुनाएंगी।

विदेशों में हिंदीका परचम फहराने को सेवारत साहित्यिक संस्थाओं में अंतरराष्ट्रीय हिंदी संस्थान का अलग स्थान है। चालीस वर्षों से यह संस्था अमेरिका में कवि सम्मेलन व अन्य कार्यक्रमों के जरिए हिंदी का प्रचार-प्रसार कर रही है। देशभर से कवि और हिंदी विद्वान उसमें शामिल होते रहे हैं। इस वर्ष भी 12 अप्रैल से 13 मई तक अमेरिका के 20 शहरों में कवि सम्मेलन होंगे। मगर, इस बार इसमें सराहनीय प्रयोग किया गया है। कार्यक्रम संयोजक कानपुर से रिश्ता रखने वाले आलोक मिश्रा ने मशहूर शायरा शबीना अदीब को न्योता भेजा है।

शबीना के मुताबिक, विदेश में इतने बड़ी संस्था के किसी कवि सम्मेलन में अब तक शायर या शायरा ने भाग नहीं लिया। पहली दफा वह हिंदी के प्रचार को होने जा रहे कवि सम्मेलनों में गजलें सुनाएंगी। शबीना कहती हैं कि मैं हिंदी जुबां में ही शायरी या गजल लिखती हूं। उसमें उर्दू के जो शब्द होते हैं, वह भी बहुत सरल, सहज और समझ में आने वाले। सात समंदर पार यूं हिंदी के मंच से उर्दू जुबां की शायरी गूंजेगी। उससे पहले जेहन में मशहूर शायर मुनव्वर राना की यह पक्तियां क्यों न गूंजें- 'लिपट जाता हूं मां से और मौसी मुस्कुराती है, मैं उर्दू में गजल कहता हूं, ङ्क्षहदी मुस्कुराती है।'

chat bot
आपका साथी