प्रोफेसर के साथ हुए जातिगत भेदभाव मामले की रिटायर्ड जज से जांच कराएगा आइआइटी

आइआइटी के एयरोस्पेस विभाग में प्रोफेसर के साथ हुए जातिगत भेदभाव मामले में रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच कराई जाएगी। अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग ने विभाग के चारों आरोपित प्रोफेसरों पर एफआइआर के आदेश दिए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 16 Apr 2018 02:08 PM (IST) Updated:Mon, 16 Apr 2018 03:13 PM (IST)
प्रोफेसर के साथ हुए जातिगत भेदभाव मामले की रिटायर्ड जज से जांच कराएगा आइआइटी
प्रोफेसर के साथ हुए जातिगत भेदभाव मामले की रिटायर्ड जज से जांच कराएगा आइआइटी

जागरण संवाददाता, कानपुर : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के एयरोस्पेस विभाग में प्रोफेसर के साथ हुए जातिगत भेदभाव मामले में रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच कराई जाएगी। इसके लिए कमेटी गठित होगी। अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग ने विभाग के चारों आरोपित प्रोफेसरों पर एफआइआर के आदेश दिए हैं। संस्थान भी कार्रवाई की तैयारी में है। सोमवार को स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। यह पहला मामला होगा, जब आपसी विवाद में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

फरवरी के दूसरे हफ्ते में एयरोस्पेस के प्रो. एस सडरेला ने विभाग के कई प्रोफेसरों पर जातिगत आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कार्यवाहक निदेशक मणींद्र अग्रवाल से शिकायत की। मामले की जांच के लिए संस्थान की इंटर्नल और एक्सटर्नल कमेटी बनाई गई। एक्सटर्नल कमेटी में एकेटीयू के कुलपति विनय पाठक समेत अन्य अधिकारी शामिल रहे। टीम ने विभागीय फैकल्टी और स्टाफ से रिपोर्ट लेकर चार प्रोफेसर को दोषी माना। इसके बाद बोर्ड ऑफ गवर्नेस (बीओजी) की बैठक में सुलहनामा के लिए सात दिन का समय दिया गया। बीओजी के चेयरमैन ने दोनों पक्षों में समझौते के लिए कहा लेकिन, कोई नतीजा नहीं निकला। पीड़ित प्रोफेसर ने राष्ट्रीय एससी-एसटी आयोग से शिकायत की। आयोग ने कार्यवाहक निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल और एयरोस्पेस के एचओडी प्रो. एके घोष को बुलाकर नाराजगी जाहिर की। संस्थान की ओर से कोई कार्रवाई न होने पर आयोग ने चारों प्रोफेसर के खिलाफ एफआइआर और निलंबन की कार्रवाई का आदेश दे दिया। सूत्र बताते हैं कि संस्थान के अधिकारी इस मामले में काफी किरकिरी होने के बाद एफआइआर की तैयारी में हैं। प्रो. मणींद्र अग्रवाल के मुताबिक रिटायर्ड जज से मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। कमेटी में कई सदस्य होंगे। -----------------------

वॉट्सअप और ई-मेल से विरोध

आइआइटी प्रोफेसरों पर मुकदमे के आदेश पर फैकल्टी हैरान है। उनमें कार्रवाई को लेकर तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं। वॉट्सअप और ई-मेल के जरिए विरोध जताया जा रहा है।

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