टैंक में पानी की गुणवत्ता बताएगी आइआइटी की 'पद्मावती'

आइआइटी व एनआइटी के छात्रों ने पानी की जांच के लिए उपकरण बनाया। उत्तराखंड के टेहरी में टैंकों में लगा है सिस्टम।

By AbhishekEdited By: Publish:Mon, 24 Dec 2018 03:57 PM (IST) Updated:Mon, 24 Dec 2018 04:20 PM (IST)
टैंक में पानी की गुणवत्ता बताएगी आइआइटी की 'पद्मावती'
टैंक में पानी की गुणवत्ता बताएगी आइआइटी की 'पद्मावती'

कानपुर, जेएनएन। दूषित जल गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकता है। इसे देखते हुए आइआइटी व एनआइटी के छात्रों ने एक ऐसा उपकरण तैयार किया है जो घरों में सप्लाई होने वाले पेयजल की गुणवत्ता जांचने में सक्षम है। 'वाटर क्वालिटी पद्मावती' नाम के इस उपकरण से पानी में पीएच, टीडीएस, टर्मिनिटी (पानी में मिट्टी की मात्रा) व आर्सेनिक तत्वों की मात्रा आसानी से पता चल सकती है।

छात्रों ने फिलहाल इसे उत्तराखंड के नई टेहरी जिले के दो टैंकों में लगाया है, जिनसे घरों में पानी सप्लाई होता है। दोनों टैंकों की क्षमता 60-60 हजार लीटर है। अब शहरों व गांवों में सप्लाई होने वाले पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए भी इस उपकरण की मदद लेने की योजना बनाई जा रही है। उपकरण ईजाद करने वालों में आइआइटी कानपुर से सिविल इंजीनियङ्क्षरग ब्रांच से बीटेक व वॉटर रिसोर्स से एमटेक करने वाले श्रीहर्षा भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आइआइटी, आइआइएससी, एनआइटी के छात्रों के साथ मिलकर यह शोध कार्य किया गया है।

यह मिलेगी जानकारी

उपकरण यह बताने में सक्षम है कि किसी भी गांव व शहर में रोजाना कितना पानी सप्लाई हो रह है, उसकी गुणवत्ता क्या है, कौन से तत्व पानी में अधिक हैं, पानी के साथ मिट्टी कितनी आ रही है।

कंप्यूटर व मोबाइल पर मिलता है डाटा

वाटर क्वालिटी पद्मावती उपकरण हाईटेक तरीके से काम करता है। इसमें तापमान, पोटेंशियल हाइड्रोजन (पीएच वेल्यू), टोटल डिजॉल्व्ड सॉलिड (टीडीएस), टर्मिनिटी व जलस्तर नापने के लिए अलग अलग पांच सेंसर लगे हैं। यह सभी सेंसर लगातार पानी में घुलनशील तत्वों का डाटा रिकार्ड करके टेलीमेट्री के जरिए कंप्यूटर व मोबाइल पर भेजते रहते हैं। श्रीहर्षा ने बताया कि अकेले कानपुर में ही 300 से 400 बड़े टैंक होंगे जिनसे घर घर में पानी सप्लाई किया जाता है।

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