सिस्टम हैक होने से पहले ही बता देगा यह सॉफ्टवेयर, सिग्नल देकर करेगा सचेत

आइआइटी के पूर्व छात्र ने बनाया सॉफ्टवेयर ऑटोमेशन, खराब व करप्ट होने की भी देगा जानकारी

By AbhishekEdited By: Publish:Tue, 25 Dec 2018 04:19 PM (IST) Updated:Wed, 26 Dec 2018 04:49 PM (IST)
सिस्टम हैक होने से पहले ही बता देगा यह सॉफ्टवेयर, सिग्नल देकर करेगा सचेत
सिस्टम हैक होने से पहले ही बता देगा यह सॉफ्टवेयर, सिग्नल देकर करेगा सचेत

कानपुर, जेएनएन। आइआइटी के पूर्व छात्र तरुण आनंद ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर ऑटोमेशन तैयार किया है जो कंप्यूटर व मोबाइल समेत इंटरनेट से संचालित सभी डिवाइस के हैक होने से पहले ही बता देगा। यही नहीं, सिग्नल देकर सतर्क भी कर देगा कि डिवाइस करप्ट या खराब होने वाली है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस व इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आइओटी) नेटवर्क को जोड़कर यह सॉफ्टवेयर बनाया गया है। यह इंटरनेट के जरिए आइओटी से डाटा निकालकर पढ़ता है और उसके अनुसार डिवाइस की स्थिति बताता है।
हाईटेक हो चुकी दुनिया पर साइबर क्राइम का खतरा भी तेजी से मंडरा रहा है। हैकिंग के जरिए वित्तीय चोट पहुंचाने के साथ ही देश की सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारियों पर अपराधियों की नजर है। आइआइटी कानपुर से कंप्यूटर सांइस में बीटेक की पढ़ाई करने वाले तरुण आनंद पूर्व छात्र सम्मेलन में शिरकत करने आए थे। उन्होंने बताया कि सॉफ्टवेयर की मदद से अपनी डिवाइस को बचाने के साथ महत्वपूर्ण फाइलों को सुरक्षित कर सकते हैं।
आइआइटी से निकलने के बाद उन्होंने अमेरिका के टेक्सास शहर स्थित ऑस्टिन यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। इसके बाद माइक्रोसॉफ्ट के ऑफर पर फाइल सिस्टम विंडो पर काम करने लगे। वर्ष 1999 में माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने डॉट नेट विकसित करने की टीम का हिस्सा बनने के लिए उन्हें आमंत्रित किया। अब वह भारत लौटकर स्टार्टअप सेम्यूसी संचालित कर रहे हैं।
इस तरह काम करेगा सॉफ्टवेयर 
यह साफ्टवेयर सिस्टम में डाउनलोड करने के बाद, उससे जुड़े मोबाइल, इंटरनेट और अन्य डिवाइस से जुड़कर काम करने लगेगा। आइओटी नेटवर्क को जोड़कर बना यह सॉफ्टवेयर काम करेगा। जैसे कोई हैकर सिस्टम में घुसने के लिए प्रयास करेगा, यह साफ्टवेयर उसे तुरंत सर्च करके आपके डिवाइस पर सिग्नल दे देगा। सिग्नल मिलते ही संबंधित सिस्टम को तत्काल हैकिंग से बचाया जा सकेगा। इसके अलावा यदि कोई हैकर सिस्टम को करप्ट करने का प्रयास करेगा तो भी साफ्टवेयर पहले से सचेत कर देगा। यह सॉफ्टवेयर इंटरनेट के जरिए आइओटी से डाटा निकालकर पढऩे के बाद डिवाइस की स्थिति बताता है। 


आइआइटी कानपुर के चेतन भगत हैं राजीव
टेक्सास से आए राजीव सक्सेना पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। उन्होंने आइआइटी के एक ऐसे छात्र पर 'पिंटो हैज एन आइडिया' किताब लिखी है जो साधारण परिवार का बेटा है। वह अपने आइडिया के बल पर पूरी दुनिया में नाम करता है। उनकी यह पुस्तक हैरी पॉटर की पुस्तक प्रकाशित करने वाले ब्लूम्स बेरी ने प्रकाशित की है। उनके दोस्त उन्हें आइआइटी कानपुर का चेतन भगत कहते हैं।
डिफेंस कॉरीडोर को तकनीकी मदद देगा आइआइटी
पूर्व छात्र सम्मेलन में शिरकत करने आए प्रदेश के औद्योगिक व अवस्थापना सचिव एमपी अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में प्रस्तावित डिफेंस कॉरिडोर को आइआइटी कानपुर तकनीकी मदद देगा। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से 200 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है।

ग्रेडिंग के साथ जरूरी हैं रिश्ते
आइआइटी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ब्रांच के छात्र रहे प्रवीण गुप्ता सिटी बैंक व स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में मुंबई, बहरीन व दुबई में काम करने के बाद वर्तमान में क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहे हैं। सम्मेलन के दौरान छात्रों से रूबरू होकर उन्होंने कहा कि ग्रेडिंग जरूरी है लेकिन उसके साथ रिश्ते भी जरूरी हैं। जिनकी समझ हमें संस्थान में ही आनी चाहिए क्योंकि यहां से निकलने के बाद हमें समाज में ही रहना है।

chat bot
आपका साथी