खुले में शौच जाना पड़ा तो नहीं डालेंगे घूंघट

जागरण संवाददाता, कानपुर : यह पीढि़यों पुरानी सोच बदलने में मिलती कामयाबी की तरफ इशारा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Mar 2018 03:01 AM (IST) Updated:Sat, 17 Mar 2018 03:01 AM (IST)
खुले में शौच जाना पड़ा तो नहीं डालेंगे घूंघट
खुले में शौच जाना पड़ा तो नहीं डालेंगे घूंघट

जागरण संवाददाता, कानपुर : यह पीढि़यों पुरानी सोच बदलने में मिलती कामयाबी की तरफ इशारा है। गांवों को खुले में शौचमुक्त करने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) का पूरा असर आधी आबादी पर नजर आ रहा है। तभी तो चौबेपुर के एक गांव की महिलाओं ने शौचालय को इज्जत से जोड़ते हुए रैली निकालकर उद्घोष कर दिया कि खुले में शौच जाना पड़े तो फिर घूंघट डालने जैसी परंपरा का क्या फायदा।

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत गांव-गांव शौचालय बनाए जा रहे हैं। जिला पंचायत राज विभाग और मिशन में लगी टीम ग्रामीणों को समझा रही है कि खुले में शौच न जाएं। इसी प्रयास में सीएलटीएस की टीम चौबेपुर के गांव बिरतियान बिठूर में पांच-छह दिन से जागरुकता अभियान चला रही थी। खास तौर पर महिलाओं को समझाया कि यह मामला स्वच्छता के साथ-साथ आपके सम्मान से भी जुड़ा है। महिलाओं को बात समझ में आई, इसका नजारा शुक्रवार को नजर भी आया। दोपहर लगभग एक बजे दर्जनों महिलाएं और बच्चे गांव की सड़कों पर आ गए। उन्होंने लोटा जलाओ रैली निकाल कर खुले में शौच को ले जाने वाले बर्तन, बोतल, डिब्बे आदि आग में डाल दिए। उनकी अगुआई मिशन से जुड़े स्वच्छाग्राही सीमा, महक, पूजा, पवन, दुर्गेश आदि कर रहे थे। स्वच्छ भारत मिशन की जिला को-ऑर्डिनेटर पूर्णिमा कुमारी ने बताया कि परिवर्तन को साकार करने के लिए अब इसी तरह अन्य गांवों में भी महिलाओं को जागरूक करने के लिए रैलियां निकाली जाएंगी।

लगाए इस तरह के नारे

- 'लोटा यदि उठाना है तो घूंघट भी उठाना है..।'

- 'इज्जत को बढ़ाना है, आत्मसम्मान बचाना है, नारियों को जगाना है, लोटा नहीं उठाना है..।'

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