डीटीयू व एमएमएमटीयू की तर्ज पर बढ़ेगी एचबीटीयू की फीस

हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय नए सत्र से फीस बढ़ाने जा रहा है। फीस बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन व वित्त विभाग ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।

By AbhishekEdited By: Publish:Thu, 21 Feb 2019 02:11 PM (IST) Updated:Thu, 21 Feb 2019 02:19 PM (IST)
डीटीयू व एमएमएमटीयू की तर्ज पर बढ़ेगी एचबीटीयू की फीस
डीटीयू व एमएमएमटीयू की तर्ज पर बढ़ेगी एचबीटीयू की फीस

जागरण संवाददाता, कानपुर : हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) नए सत्र से फीस बढ़ाने जा रहा है। फीस बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन व वित्त विभाग ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। यह फीस दिल्ली प्राविधिक विश्वविद्यालय (डीटीयू) व मदन मोहन मालवीय प्राविधिक विश्वविद्यालय (एमएमएमटीयू) की तर्ज पर बढ़ाई जाएगी। एचबीटीयू की पिछली कार्यपरिषद में दोनों प्राविधिक विश्वविद्यालय के शुल्क ढांचे की अध्ययन रिपोर्ट पर चर्चा हो चुकी है। अब 25 फरवरी को होने वाली आगामी कार्यपरिषद में इस पर निर्णय ले लिया जाएगा। कुलपति प्रो. एनबी सिंह ने बताया कि सत्र 2019-20 से फीस बढ़ना तय है।

फीस कितनी बढ़ाई जानी है इसका भी मसौदा तैयार किया जा चुका है लेकिन कार्यपरिषद की बैठक में निर्णय के बाद ही नया शुल्क ढांचा जारी किया जाएगा। वर्तमान में बीटेक के छात्रों की फीस 98 हजार तीन सौ रुपये है जिसमें 78 हजार 300 ट्यूशन फीस व 20 हजार यूजर चार्ज हैं। यूजर चार्ज बढ़ाए जाने की रूपरेखा तैयार की गई है। शासन ने साफ कर दिया है कि अपने संसाधन बढ़ाकर एचबीटीयू पठन पाठन व विश्वविद्यालय का विकास कार्य करे। केवल स्थायी रूप से कार्यरत प्रोफेसर व कर्मचारियों के लिए शासन की ओर से वेतन दिया जा रहा है।

सात से 12 फीसद महंगाई बढऩे का असर फीस पर पड़ा 

विश्वविद्यालय प्रशासन की माने तो एक आंकलन के अनुसार प्रतिवर्ष सात से 12 फीसद महंगाई बढ़ जाती है। जिसका असर विश्वविद्यालय के संसाधनों से लेकर रखरखाव पर पड़ता है। यह इस बात का प्रमाण है कि छात्रावास के रंग रोगन से लेकर उनकी डेंटिंग पेंटिंग करीब दस वर्ष बाद हुई। शोध कार्य बढ़ाने के लिए भी संसाधन व बजट की जरूरत होती है जिसके लिए फीस बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।

सीटें बढ़ाने के लिए कोर्ट का करेंगे रुख 

बीटेक की सीटें कम किए जाने पर एचबीटीयू कोर्ट जाने का मन बना रहा है। कुलपति प्रो. एनबी सिंह ने बताया कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने दस फीसद सीटें कम की हैं जबकि उनके पास जमीन व इंफ्रास्ट्रक्चर पूरे हैं। इस मसले पर वह एआइसीटीई दिल्ली जा रहे हैं। अगर सीटें नहीं बढ़ाई जातीं तो विश्वविद्यालय कोर्ट का रुख करेगा।

लेदर व बायोकेमिकल ब्रांच के नाम बदले जाएंगे 

लेदर व बायोकेमिकल इंजीनियङ्क्षरग ब्रांच की सीटें न भरने पर अब वह इनका नाम बदलने की तैयारी कर रहे हैं। लेदर का नाम फुटवियर टेक्नोलॉजी किए जाने पर विचार किया गया है जबकि बायोकेमिकल ब्रांच का नाम भी बदला जाएगा। बीटेक में प्रवेश जेईई मेंस की मेरिट के आधार पर होंगे।

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