झोलाछाप कहे जाने पर होम्योपैथिक डॉक्टर ने लगा ली आग

स्थानीय निवासियों के झोलाछाप कहकर मजाक उड़ाने से पहले ही अवसाद में जा चुके बीएचएमएस डॉक्टर को मुकदमा दर्ज होने की अफवाह ने और भी हिला कर रख दिया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Feb 2020 01:29 AM (IST) Updated:Fri, 21 Feb 2020 06:04 AM (IST)
झोलाछाप कहे जाने पर होम्योपैथिक डॉक्टर ने लगा ली आग
झोलाछाप कहे जाने पर होम्योपैथिक डॉक्टर ने लगा ली आग

जागरण संवाददाता, कानपुर:

स्थानीय निवासियों के झोलाछाप कहकर मजाक उड़ाने से पहले ही अवसाद में जा चुके बीएचएमएस डॉक्टर को मुकदमा दर्ज होने की अफवाह ने और भी हिला कर रख दिया। अफवाह को सही समझ बैठे डॉक्टर ने गुरुवार दोपहर बाद मीरपुर स्थित अपनी क्लीनिक में खुद को आग के हवाले कर जान देने की कोशिश की। किसी तरह लोगों ने आग बुझा उन्हें बचा तो लिया मगर उनकी नाजुक हालत बनी हुई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

लालबंगला निवासी बीएचएमएस डॉक्टर संदीप सिंह मीरपुर में पिता के साथ क्लीनिक में बैठते हैं। गुरुवार दोपहर संदीप ने खुद पर केरोसिन डालकर आग लगा ली। आग भड़कने के बाद संदीप तेजी के साथ क्लीनिक से बाहर निकल सड़क पर मदद मांगने के लिए चिल्लाने लगे। जिस किसी ने भी यह नजारा देखा, कांप उठा। क्षेत्रीय लोग तत्काल मदद को दौड़े और आग बुझाने लगे। पुलिस व दमकल को भी सूचना दी गई। पुलिस के पहुंचने से पहले लोगों ने पानी डालकर आग बुझा दी। स्वजन भी मौके पर पहुंचे और संदीप को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वह 95 फीसद से अधिक जल गए हैं और उनकी हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। देर रात उन्हें एलएलआर अस्पताल (हैलट) रेफर कर दिया गया।

बकौल रेलबाजार थाना प्रभारी दधिबल तिवारी, पूछताछ में पता चला कि कुछ लोग झोलाछाप डॉक्टर कहकर मजाक उड़ाते थे। पिछले कुछ दिनों से लोगों ने अफवाह उड़ा दी थी कि झोलाछाप होने की वजह से पुलिस ने संदीप के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। संदीप डिप्रेशन में चल रहे थे। स्वजन जो तहरीर देंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

--- सीसीटीवी कैमरे में कैद घटना, वायरल हुआ वीडियो

डॉक्टर संदीप के आत्मदाह करने की कोशिश की घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। फुटेज में वह खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डाल कर आग लगाते हुए दिख रहे हैं। जिस तरह से आग का गोला बने, उसका वीडियो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

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आत्मदाह की कोशिश का एक कारण यह भी

स्वजन कोई बयान देने से बचते रहे। हालांकि एक और जानकारी पुलिस को मिली है। इंस्पेक्टर फीलखाना के मुताबिक यह भी कहा जा रहा है कि डॉक्टर लंबे समय से आर्थिक तंगी का सामना कर रहे थे। कुछ पारिवारिक समस्याएं भी थीं।

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