NSE की तकनीकी गड़बड़ी से शेयर ब्रोकर्स को भारी नुकसान, बोले-बहुत गंभीर समय था
तकनीकी समस्यासे ट्रेडिंग बंद रहने के दौरान गिरे बाजार से शेयर ब्रोकर को नुकसान सहना पड़ा है। शेयर बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि यह बहुत ही गंभीर समय था और इसका स्थायी हल निकाला जाना चाहिये।
कानपुर, जेएनएन। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में बुधवार सुबह से ही तकनीकी खामी की वजह शेयर कारोबार नहीं हो पा रहा था। इसकी वजह से ट्रेडिंग भी बंद कर दी गई। शेयर बाजार के विशेषज्ञों के मुताबिक इसका असर शेयर ब्रोकर पर पड़ा। घाटे की स्थिति होने पर तमाम क्लाइंट यह कह कर रुपये देने से मना कर दिया कि उसने जितनी राशि पर सौदे काटने के लिए कहे थे, उस पर उन्हें क्यों नहीं काटा गया। इसलिए बाजार दोबारा शुरू होने के बाद जिन शेयरों में घाटा हुआ, उसे ब्रोकर को ही सहना पड़ा। बाजार पर इस तकनीकी गड़बड़ी का बड़ा प्रभाव पड़ा है। पूरी दुनिया में हर समय तमाम घटनाएं होती हैं जिनका प्रभाव बाजार पर पड़ता है। जो व्यक्ति शेयर बाजार में सौदे करता है, वह बहुत सोचता है कि कितना नीचे या ऊपर बाजार जाने पर वह सौदा काट लेगा, लेकिन इस ढाई घंटे के बीच कोई शेयर 100 रुपये से 90 रुपये पर आ गया और शेयरधारक उसे 95 रुपये पर आते ही काटने की सोच रहा था तो उसका बाकी नुकसान कौन पूरा करेगा। अगर शेयरधारक ने पहले से ब्रोकर से इसके लिए कह रखा होगा तो अब इस नुकसान को शेयर ब्रोकर को सहना होगा। अब यह भी तय किया जाना चाहिए कि इस दौरान जो नुकसान हुआ है, उसकी क्षतिपूर्ति कौन करेगा। -पदम कुमार जैन, शेयर बाजार विशेषज्ञ रोजाना ट्रेडिंग करने वाले लोगों के लिए यह बहुत खतरनाक स्थिति थी। जितनी देर ट्रेडिंग बंद रही, उस बीच जिनके सौदे पूरे हो गए और कट नहीं पाए और बाजार नीचे चला गया, उन्हें बहुत घाटा हुआ होगा। जो लोग दीर्घ काल के लिए शेयर खरीदते हैं उनके लिए इस घटना का कोई असर नहीं है, लेकिन जो दिनभर ट्रेडिंग करते हैं उनके लिए यह समय खराब था। -बालेंद्र गुप्ता, शेयर बाजार विशेषज्ञ इस तकनीकी गड़बड़ी का शेयर बाजार पर कोई असर नहीं पड़ा। एनएसई बंद था, लेकिन बांबे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का प्लेटफार्म चालू था। कारोबारी वहां से खरीदारी कर सकते थे। बाजार ठीक से चला, इसलिए करीब तीन बजे बाजार 250 प्वाइंट ऊपर चला गया। अगर कुछ गड़बड़ होती तो शेयर बाजार ऊपर न जाता। -अतुल कनोडिया, शेयर बाजार विशेषज्ञ