देवोत्थानी एकादशी पर जलेंगे पांच लाख दीप, मां गंगा ओढ़ेंगी दीपों की झिलमिल चादर
सोमवार को शहर के गंगा घाटों पर श्रद्धालु करेंगे दीपदान, मंडलायुक्त ने सरसैया घाट व परमट घाट का किया निरीक्षण।
कानपुर, जागरण संवाददाता। देवोत्थानी एकादशी सोमवार को है। भगवान विष्णु योग निद्रा से जगेंगे और मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। प्रभु के स्वागत को गंगा घाटों पर पांच लाख दीप जलाए जाएंगे। मां गंगा की आरती की जाएगी। भजनों के माध्यम से भक्त मां की स्तुति करेंगे। मां गंगा दीपों की झिलमिल चादर ओढ़ेंगी तो भक्त उनसे सुख समृद्धि की कामना करेंगे।
एकादशी पर सरसैया घाट, परमट, गोला, मैस्कर घाट, गंगा बैराज , ब्रह्मावर्त बिठूर घाट समेत विभिन्न घाटों पर श्रद्धालु दीपदान करेंगे। व्यवस्था सुचारु रूप से चले इसके लिए डीएम विजय विश्वास पंत ने 60 जिला स्तरीय अफसरों की तैनाती की है जो घाटों पर दोपहर से ही मौजूद रहेंगे। मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा ने उत्सव की तैयारियों को लेकर सरसैया घाट एवं परमट घाट का निरीक्षण किया।
उन्होंने लाखों दीपक दीपमालिका प्रच्जवलित करने के लिए व्यापक रणनीति के तहत कार्य करने का आदेश मातहतों को दिया। धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों से कहा कि कार्यक्रम व्यवस्थित ढंग से किए जाएं। घाटों की सफाई और बेहतर करने के आदेश दिए। नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा से कहा कि वे पेयजल, स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। प्रत्येक घाट पर कम से कम एक नाव रिजर्व रहनी चाहिए ताकि आपात स्थिति आने पर उसका प्रयोग किया जा सके। सरसैया घाट चार नावों को जोड़कर एक बड़ा तख्त उस पार रखा जाए ताकि गंगा के बीच में ही भजन गायक भजन गा सकें।
एकादशी पर सरसैया घाट, परमट, गोला, मैस्कर घाट, गंगा बैराज , ब्रह्मावर्त बिठूर घाट समेत विभिन्न घाटों पर श्रद्धालु दीपदान करेंगे। व्यवस्था सुचारु रूप से चले इसके लिए डीएम विजय विश्वास पंत ने 60 जिला स्तरीय अफसरों की तैनाती की है जो घाटों पर दोपहर से ही मौजूद रहेंगे। मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा ने उत्सव की तैयारियों को लेकर सरसैया घाट एवं परमट घाट का निरीक्षण किया।
उन्होंने लाखों दीपक दीपमालिका प्रच्जवलित करने के लिए व्यापक रणनीति के तहत कार्य करने का आदेश मातहतों को दिया। धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों से कहा कि कार्यक्रम व्यवस्थित ढंग से किए जाएं। घाटों की सफाई और बेहतर करने के आदेश दिए। नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा से कहा कि वे पेयजल, स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। प्रत्येक घाट पर कम से कम एक नाव रिजर्व रहनी चाहिए ताकि आपात स्थिति आने पर उसका प्रयोग किया जा सके। सरसैया घाट चार नावों को जोड़कर एक बड़ा तख्त उस पार रखा जाए ताकि गंगा के बीच में ही भजन गायक भजन गा सकें।