हृदय रोग संस्थान के निदेशक समेत पांच पर मुकदमा, जानिए क्या है पूरा मामला Kanpur News

14 सितंबर को मरीज की मौत पर परिजनों ने स्वरूपनगर थाने में तहरीर दी थी।

By AbhishekEdited By: Publish:Wed, 18 Sep 2019 08:19 AM (IST) Updated:Wed, 18 Sep 2019 08:19 AM (IST)
हृदय रोग संस्थान के निदेशक समेत पांच पर मुकदमा, जानिए क्या है पूरा मामला Kanpur News
हृदय रोग संस्थान के निदेशक समेत पांच पर मुकदमा, जानिए क्या है पूरा मामला Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। स्वरूप नगर पुलिस ने हृदय रोग संस्थान के निदेशक व डॉक्टर समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने गंभीरता से मामले की जांच शुरू की है। कालपी के एक मरीज के परिजनों ने थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई थी। पुलिस ने संस्थान के निदेशक डॉ. विनय कृष्ण, डॉक्टर अवधेश शर्मा, ड्यूटी डॉक्टर, ईको लैब टेक्नीशियन और कर्मचारियों को नामजद करते हुए लापरवाही से मृत्यु कारित करने की धारा 304 ए लगाई है।

ये है पूरा मामला

रायपुरवा कारवालो नगर स्थित केशव भवन निवासी गजेंद्र सिंह कालपी (जालौन) के सैतपुर गांव निवासी अपने मौसा बलवीर सिंह को चेकअप के लिए 11 सितंबर की दोपहर 12 बजे हृदय रोग संस्थान लाए थे। गजेंद्र के मुताबिक ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने हार्टअटैक की बात बताकर मौसा को डॉ. उमेश्वर पांडेय के अंडर में भर्ती कर लिया। 12 सितंबर को निदेशक डॉ. विनय कृष्ण के निर्देशन में डॉ. अवधेश शर्मा ने ऑपरेशन कर दो स्टंट डाले। उसके बाद 13 सितंबर को करीब 11 बजे मौसा को ईको टेस्ट कराने पैदल ही बिना वार्ड ब्वॉय के ईको लैब भेज दिया गया। वहां दो घंटे तक मौसा को स्टूल पर बिठाए रखा गया। उन्हें दर्द उठा लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। इसी बीच जहां स्टंट डाले गए थे, वहां से खून बहने लगा। मौसा की हालत बिगड़ गई और उन्हें दोबारा अटैक पड़ गया तुरंत परिजन उन्हें इमरजेंसी लाए।

इंजेक्शन का ओवरडोज बताई वजह

परिजनों के मुताबिक इमरजेंसी में ड्यूटी डॉक्टर ने डॉ. विनय कृष्ण व डॉ. अवधेश से बात कर खून पतला करने के लिए 45-45 हजार रुपये कीमत के इंजेक्शन मंगाए और एक साथ तीन इंजेक्शन लगा दिए। इंजेक्शन की ओवरडोज की वजह से मरीज को ब्रेन हैमरेज हो गया। अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन होने के बावजूद ड्यूटी डॉक्टर ने कहा कि सुबह नौ बजे सीटी स्कैन होगा। लेकिन इससे पहले ही सात बजे मरीज की मौत हो गई। थाना प्रभारी सतीशचंद्र साहू ने बताया कि लापरवाही से मृत्यु कारित करने की धारा में रिपोर्ट दर्ज की गई है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

परिजन मेडिकल एक्सपर्ट तो नहीं हैं

ह्रïदय रोग संस्थान के निदेशक प्रो. विनय कृष्ण का कहना है कि मरीज के परिजन कैसे बता सकते हैं कि इलाज में लापरवाही हुई। वो मेडिकल एक्सपर्ट तो हैं नहीं। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने से पहले मामले की जांच सीएमओ स्तर से होनी चाहिए। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही मुकदमा दर्ज होना चाहिए। इस मामले में किसी ने संस्थान में भी कोई शिकायत नहीं की है।

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