फर्रुखाबाद तिहरा हत्याकांड : पूरे परिवार को खत्म करना चाहता था कातिल, दो बेटों की बची जान

farukhabad triple murder कमलागंज के गदनपुर देवराजपुर गांव में एक परिवार के तीन लोगों की हत्या के बाद गांव में सनसनी का आलम है।

By AbhishekEdited By: Publish:Sat, 21 Mar 2020 11:26 AM (IST) Updated:Sat, 21 Mar 2020 11:26 AM (IST)
फर्रुखाबाद तिहरा हत्याकांड : पूरे परिवार को खत्म करना चाहता था कातिल, दो बेटों की बची जान
फर्रुखाबाद तिहरा हत्याकांड : पूरे परिवार को खत्म करना चाहता था कातिल, दो बेटों की बची जान

फर्रुखाबाद, जेएनएन। [farukhabad triple murder] कमालगंज के गदनपुर देवराजपुर गांव में तिहरे हत्याकांड के बाद सनसनी फैली है। जिस तरह से हमला किया गया, उससे साफ है कि हत्यारे पूरे परिवार को खत्म करने के इरादे से घुसे थे। घटना का मंजर जिसने भी देखा वह दहल गया। पुलिस भी अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है, घटना के बाद से साढ़ू फरार है, जबकि हिरासत में लिये गए उसके घर वालों से पूछताछ की जा रही है।

कमालगंज के गदनपुर देवराजपुर गांव में पप्पू जाटव, 35 वर्षीय पत्नी सुलोचना, पुत्रों 12 वर्षीय विवेक, 10 वर्षीय रजत और सात वर्षीय अतुल और पप्पू की मां 65 वर्षीय तारावती रह रहे थे। एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या की जानकारी पर सनसनी फैल गई। सुबह तक आसपास के गांव के लोग भी पहुंच गए। ग्रामीणों में चर्चा रही कि हत्यारा पूरे परिवार को मारने की योजना बनाकर आया था और वह कोई परिचित का ही था। घर में कटे पड़े मिले आलू गवाही दे रहे थे घर के किसी भी सदस्य ने खाना नहीं खाया था। संभव है कि सुलोचना खाना बनाने जा रही थी।

मौका-ए-वारदात का नजारा देखकर लोगों में चर्चा रही कि घर में घुसे हमलावर ने पहले पप्पू और सुलोचना पर गड़ासे से हमला किया, जिसे देखकर बच्चे घर से बाहर की ओर भाग निकले होंगे। वहीं जान बचाकर भागी वृद्ध मां तारावती पर हमला कर दिया। बाहर की ओर भाग रहे बेटों का पीछा किया और अतुल को भी मार डाला। विवेक पर हमला किया लेकिन वह किसी तरह भाग गया।

घर पर नहीं था रजत

घटना के समय रजत घर पर नहीं था। वह पास की दुकान पर ही सामान लेने गया था। दुकान से लौटकर आया तो मां, पिता और भाई का शव पड़े देखकर डर गया और गांव में जाकर छिप गया था। घटना के बाद जब पुलिस गांव पहुंची तो रजत की तलाश शुरू हुई। देर उसे गांव में ढ़ूढा जा सका और उसे बुआ के हवाले कर दिया।

बहन ने किया हंगामा

पप्पू की बहन सुनीता बेटे नीलेश के साथ गांव पहुंची और हंगामा करते हुए भाई, भाभी और भांजे का शव नहीं उठाने दिया। उसका आरोप था कि पुलिस की लापरवाही से भाई, भाभी की जान गई है। पुलिस ने समय पर कार्रवाई कर दी होती तो वारदात नहीं होती।

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