सोशल मीडिया पर फेक न्यूज की भरमार, इसलिए सोचें समझें फिर साझा करें कोई खबर
फेसबुक के सहयोग से विश्वास न्यूज के कार्यक्रम में बताया गया कि झूठी खबर की वजह से फैलती गलतफहमी प्रभावित होते हैं विचार।
कानपुर, जेएनएन। सोशल मीडिया की दुनिया में फेक न्यूज का अंबार लगा हुआ है। सच, झूठ, राय व अफवाह के बीच फेक न्यूज को पहचानना जरूरी है। इसकी वजह से गलतफहमी फैलती है, जिससे लोगों के विचार प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि किसी खबर को सोचने-समझने के बाद ही साझा करें। फेसबुक के सहयोग से विश्वास न्यूज के कार्यक्रम में बुधवार को तमाम अहम जानकारियां दी गईं।
कैंट स्थित स्टेटस क्लब में हुए कार्यक्रम में दो सत्रों के दौरान महिलाओं व युवाओं को सच क्या है, झूठ क्या है, इसके विषय में कई उदाहरणों के साथ बताया गया। विश्वास न्यूज की न्यूज एडिटर व एंकर रमा सोलंकी ने पहले सत्र में बताया, झूठी खबरों से लडऩा इसलिए जरूरी है क्योंकि वह जाने-अनजाने तमाम लोगों के विचारों को बदल सकती हैं। कहा कि अगर कोई मैसेज कई लोगों ने भेजा है तो इसका मतलब यह नहीं कि वह सच है। सच के पास तथ्य होते हैं।
किसी भी खबर पर विश्वास करने से पहले उसे टटोलें। दयालुता, संवेदनशीलता, समझदारी, सहानुभूति और विचारशीलता के साथ किसी मैसेज को आगे बढ़ाएं। बोलीं आपका एक गलत मैसेज किसी गलत तथ्य को बढ़ावा देने या किसी की छवि खराब करने में सहयोगी हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि किसी भी लिंक पर क्लिक करने पर पहले उसे ध्यान से देखें।
ऐसे जान सकते फेक न्यूज का सच
विश्वास न्यूज के जरिये किसी भी वायरल खबर की पड़ताल के लिए contact@vishvasnews.com या वाट्सएप नंबर- 9205270923 पर संपर्क कर सकते हैं।
सच्चाई जानने के ये हैं मूलमंत्र
किसी भी खबर में फाइव डब्ल्यू प्लस वन एच (क्या, कब, कौन, कहां, क्यों और कैसे) होता है। किसी भी फेक मैसेज या न्यूज को भी इन्हीं बिंदुओं पर टटोलें। तर्क करें, ऑफिशियल साइट्स पर जाएं। गूगल सर्च करें।
कैंट स्थित स्टेटस क्लब में हुए कार्यक्रम में दो सत्रों के दौरान महिलाओं व युवाओं को सच क्या है, झूठ क्या है, इसके विषय में कई उदाहरणों के साथ बताया गया। विश्वास न्यूज की न्यूज एडिटर व एंकर रमा सोलंकी ने पहले सत्र में बताया, झूठी खबरों से लडऩा इसलिए जरूरी है क्योंकि वह जाने-अनजाने तमाम लोगों के विचारों को बदल सकती हैं। कहा कि अगर कोई मैसेज कई लोगों ने भेजा है तो इसका मतलब यह नहीं कि वह सच है। सच के पास तथ्य होते हैं।
किसी भी खबर पर विश्वास करने से पहले उसे टटोलें। दयालुता, संवेदनशीलता, समझदारी, सहानुभूति और विचारशीलता के साथ किसी मैसेज को आगे बढ़ाएं। बोलीं आपका एक गलत मैसेज किसी गलत तथ्य को बढ़ावा देने या किसी की छवि खराब करने में सहयोगी हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि किसी भी लिंक पर क्लिक करने पर पहले उसे ध्यान से देखें।
ऐसे जान सकते फेक न्यूज का सच
विश्वास न्यूज के जरिये किसी भी वायरल खबर की पड़ताल के लिए contact@vishvasnews.com या वाट्सएप नंबर- 9205270923 पर संपर्क कर सकते हैं।
सच्चाई जानने के ये हैं मूलमंत्र
किसी भी खबर में फाइव डब्ल्यू प्लस वन एच (क्या, कब, कौन, कहां, क्यों और कैसे) होता है। किसी भी फेक मैसेज या न्यूज को भी इन्हीं बिंदुओं पर टटोलें। तर्क करें, ऑफिशियल साइट्स पर जाएं। गूगल सर्च करें।