नए सत्र में इंजीनियरिंग काॅलेजों में बदलेगी व्यवस्था, बीटेक छात्रों को पढ़ना होगा आइओटी, एआइ व मशीन लर्निंग

नए सत्र में इंजीनियरिंग काॅलेजों में अब पठन पाठन का तरीका बदला जा रहा है। अब कंपनियों के साॅफ्टवेयर से छात्रों को परिचित कराया जाएगा और इसके लिए आइओटी एआइ व मशीन लर्निंग जैसे विषय पढ़ाने के लिए शिक्षक तैयार किए जा रहे हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 09 Jan 2021 11:48 AM (IST) Updated:Sat, 09 Jan 2021 11:48 AM (IST)
नए सत्र में इंजीनियरिंग काॅलेजों में बदलेगी व्यवस्था, बीटेक छात्रों को पढ़ना होगा आइओटी, एआइ व मशीन लर्निंग
इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ाई का तरीका बदल जाएगा।

कानपुर, जेएनएन। बीटेक की पढ़ाई और मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करने के तरीकों के बीच सामंजस्य कम है। इसलिए अब इंटरनेट आॅफ थिंग्स ‘आइओटी’, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ‘एआइ’, मशीन लर्निंग, क्वांटम कंप्यूटिंग व क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे टाॅपिक जोड़कर एकेडमिक व इंडस्ट्री के बीच के फासले को कम करने का प्रयास शुरू हो रहा है। कॉलेजों में एल्गोरिदम, नेटवर्किंग व नई तकनीकी से जुड़े इन टाॅपिक को पढ़ाने से पहले शिक्षकों को इसके लिए तैयार किया जा रहा है।

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय ‘सीएसजेएमयू’ ने नए सत्र से पहले इसकी पहल करते हुए शिक्षकों के लिए शिक्षण प्रशिक्षण विकास कार्यक्रम प्रारंभ किया है। शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न इंजीनियरिंग काॅलेज के दो सौ शिक्षकों को इन नए टाॅपिक से परिचित कराने व उन्हें पढ़ाने के आसान तरीके सिखाए जा रहे हैं। शिक्षक प्रशिक्षण का यह सिलसिला 15 दिन तक चलेगा। इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने मशीन लर्निंग, इंटरनेट आॅफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के अलावा रोबोटिक्स, रेडियो प्रिंटिंग व वर्चुटल रिएलिटी जैसे विषयों को उसका हिस्सा बनाया गया है। इन विषयों को लेकर सीएसजेएमयू इन दिनों आइआइटी, एनआइटी व प्रदेश के नामी गिरामी इंजीनियरिंग काॅलेज के वरिष्ठ प्रोफेसरों के व्याख्यान करा रहा है।

सीएसजेएमयू के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आॅफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाॅजी ने भी अपने पाठ्यक्रमों में बदलाव किया है जिसे सत्र 2021-22 से लागू किया जाएगा। शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम समन्वयक व इंफोर्मेशन टेक्नोलाॅजी विभागाध्यक्ष डाॅ. रशि अग्रवाल ने बताया कि बीटेक व एमटेक की कक्षाएं लेने वाले शिक्षकों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार किया जा रहा है। इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम में जोड़े गए तकनीकी कोर्स पढ़ाने के लिए उन्हें ऐसे टिप्स दिए जा रहे हैं जिससे यह कोर्स पढ़ाना उनके लिए आसान हो जाएगा। इसके लिए विषय विशेषज्ञ व आइआइटी प्रोफेसरों की मदद ली जा रही है।

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