महोबा जिला अस्पताल में रीजेंट न होने से नहीं हो पा रहीं जांचें, मोटी रकम देकर सुविधा पाने को मजबूर मरीज

प्रदेश सरकार भले ही जनता को निश्शुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं देने का दम भर रही है। लेकिन मुख्यालय के जिला अस्पताल में जनपद और मध्य प्रदेश के दर्जनों गांवों के मरीजों को निश्शुल्क स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रहीं हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 04:15 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 05:36 PM (IST)
महोबा जिला अस्पताल में रीजेंट न होने से नहीं हो पा रहीं जांचें, मोटी रकम देकर सुविधा पाने को मजबूर मरीज
महोबा सदर अस्पताल के जांच लैब में खड़े मरीज।

महोबा, जागरण संवाददाता। जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को निश्शुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कभी डाक्टर गायब तो कभी बाहर से दवा लिख दी जाती है। इतना ही नहीं करीब दो माह से यहां के पैथालाजी लैब में लीवर सुगर जैसी महत्वपूर्ण जांच रीजेंट न होने से नहीं हो पा रही है। मरीजों को निजी लैबों में मोटी रकम देकर जांच करानी पड़ रही है। 

   प्रदेश सरकार भले ही जनता को निश्शुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं देने का दम भर रही है। लेकिन मुख्यालय के जिला अस्पताल में जनपद और मध्य प्रदेश के दर्जनों गांवों के मरीजों को निश्शुल्क स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रहीं हैं। कारण, करीब दो माह से यहां के लैब में लीवर, सुगर, एचबीए वन सी जांचें रीजेंट न होने की वजह से नहीं हो पा रहीं हैं। मंगलवार को जांच कराने पहुंचे मरीज रमजो, मन्नूलाल, बीएन ङ्क्षसह, मुशर्रफ आदि ने बताया कि यहां पर सभी प्रकार की जांचें नहीं हो रहीं हैं। जिससे निजी लैबों में जाकर जांच कराना पड़ रहा है। जिससे उनकी जेब भी ढीली हो रही हैं। जिला अस्पताल में कुछ न कुछ अव्यवस्थाएं बनी रहती हैं। इसका खामियाजा मरीजों और तीमारदारों को भुगतना पड़ता है। सीएमएस डा. आरपी मिश्रा ने बताया कि रीजेंट न होने की वजह से जांच नहीं हो पा रही है। दो दिन में रीजेंट आ जाएगा और जांचें होने लगेंगी। 

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