कानपुर के हैलट में डॉक्टरों ने नवजात के तीमारदारों को पीटा

हैलट अस्पताल के बाल रोग चिकित्सालय के सिक एंड न्यू बॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में भर्ती एक नवजात के पिता नानी और मामा को जूनियर रेजीडेंट (जेआर) और कर्मचारियों ने सोमवार दोपहर बेदर्दी से पीटा। तीमारदार बचे को डिस्चार्ज करने का आग्रह कर रहे थे जिस पर जेआर भड़क गए। पुलिस ने पहुंचकर लहूलुहान तीमारदारों को छुड़ाया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Jun 2020 01:53 AM (IST) Updated:Tue, 02 Jun 2020 06:10 AM (IST)
कानपुर के हैलट में डॉक्टरों ने नवजात के तीमारदारों को पीटा
कानपुर के हैलट में डॉक्टरों ने नवजात के तीमारदारों को पीटा

जागरण संवाददाता, कानपुर :

हैलट अस्पताल के बाल रोग चिकित्सालय के सिक एंड न्यू बॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में भर्ती एक नवजात के पिता, नानी और मामा को जूनियर रेजीडेंट (जेआर) और कर्मचारियों ने सोमवार दोपहर बेदर्दी से पीटा। तीमारदार बच्चे को डिस्चार्ज करने का आग्रह कर रहे थे, जिस पर जेआर भड़क गए। पुलिस ने पहुंचकर लहूलुहान तीमारदारों को छुड़ाया। उधर, बाल रोग विभागाध्यक्ष का आरोप है कि नवजात को डिस्चार्ज कराने पर अड़ी महिला ने जेआर पर हाथ छोड़ दिया था, उसके बाद मारपीट हुई।

रसूलाबाद कानपुर देहात के बिरहुन गांव निवासीसचिन प्रताप सिंह की पत्नी श्वेता का प्रसव हैलट के जच्चा बच्चा अस्पताल में 26 मई को हुआ था। उसके बाद नवजात को पीलिया होने पर बाल रोग के एसएनसीयू में भर्ती कराया गया। स्वजन को आरोप है कि बच्चे की छुट्टी नहीं होने से डॉक्टर मां को डिस्चार्ज नहीं कर रहीं थीं। प्रसूता के भाई ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने बताया शनिवार को दूसरी जांच रिपोर्ट नॉर्मल आने पर नवजात को डिस्चार्ज करने को कहा था। डॉक्टर ने रविवार को डिस्चार्ज करने की बात कही। जब रविवार को गए तो छुट्टी का हवाला देते हुए सोमवार को बुलाया। सोमवार सुबह जब मां मीरा देवी डिस्चार्ज कराने के लिए गईं तो डॉक्टर भड़क गए और अभद्रता करने लगे। जब मैं और सचिन वहां गए तो 10-15 डॉक्टर- कर्मचारी आ गए। सभी ने मिलकर हम सभी की जमकर पिटाई की, जिससे मेरा सिर फट गया। मां को भी बेल्ट से पीटा, उन्हें भी चोटें आई हैं। इस घटना को लेकर स्वरूपनगर थाने में तहरीर दी है। एसएनसीयू में 70 और बाल रोग चिकित्सालय में 42 बच्चे भर्ती हैं। काम की अधिकता व परीक्षा की वजह से जेआर तनाव में हैं। तीमारदार नवजात को डिस्चार्ज कराने पर अड़े थे। जेआर ने जब डॉक्टर के राउंड के बाद डिस्चार्ज की बात कही तो महिला ने उसे थप्पड़ मार दिया, उसके बाद सब ने मिलकर उनकी पिटाई कर दी। यह व्यवहार गलत है। बच्चे को डिस्चार्ज करने के साथ इसकी जांच करा रहे हैं।

प्रो. यशवंत राव, विभागाध्यक्ष, बाल रोग, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।

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