Maghi Purnima Kanpur : गंगा में लगाई पुण्य की डुबकी, श्रद्धालुओं ने स्नान, ध्यान और फिर किया दान

कानपुर शहर में माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए बिठुर समेत कई घाटों पर सुबह से ही स्नानार्थियों का तांता लगा रहा। पतित पावनी गंगा नदी में स्नान करके श्रद्धालुओं ने पूजन किया और दान देकर पुण्य लाभ कमाया।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 09:32 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 09:32 AM (IST)
Maghi Purnima Kanpur : गंगा में लगाई पुण्य की डुबकी, श्रद्धालुओं ने स्नान, ध्यान और फिर किया दान
कानपुर में माघ पूर्णिमा पर गंगा तटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही।

कानपुर, जेएनएन। हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार नए माह की शुरुआत पूर्णिमा से ही होती है और इस बार माघ मास की पूर्णिमा शनिवार को है। इस पुण्यकारी दिन दिन दान, स्नान और व्रत का विशेष महत्व होता है। शनिवार को माघ पूर्णिमा पर गंगा नदी के शहर में प्रमुख घाट बिठूर, सरसैया और मस्कर घाट पर भोर पहर से ही श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगाते रहे। पतित पावनी मां गंगा में स्नान कर भक्तों ने विधि विधान से भगवान विष्णु का पूजन किया और दान दिया। 

कानपुर के बाबा आनंदेश्वर मंदिर स्थित परमट घाट पर स्नान के बाद भक्त गंगाजल लेकर भगवान का श्रृंगार पूजन करते रहे। सरसैया घाट पर स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने जरूरतमंदों को दान कर किया। बिठूर में गंगा घाट पर स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने मां गंगा की आरती और भगवान विष्णु का स्मरण किया। पिछले वर्षों की तुलना में इस बार गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ कम ही रही। सीमित संख्या में पहुंचे श्रद्धालु गंगा स्नान कर पूजन किया।

मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन दान व स्नान करने से बत्तीस गुना ज्यादा फल की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और चंद्रमा इस दिन अपनी पूर्ण कलाओं में होता है। माघ पूर्णिमा के दिन ही संत रविदास की जयंती भी विभिन्न संस्थाओं द्वारा मनाई जा रही है। समितियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम व सद्गुरु का जन्मोत्सव मनाने का कार्यक्रम है। सरसैया घाट पर प्राचीन शिवाला मंदिर से भगवान वेंकटेश को स्नान कराने की तैयारी है, इसके बाद विधि विधान से पूजन अर्चन के बाद भगवान मंदिर में पुनः वापसी करेंगे।

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