ई-कंटेंट के अभाव में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई करने में आ सकती हैं अड़चनें
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने बनाए महज 128 ई-कंटेट। प्रदेश में ऐसे विश्वविद्यालय भी हैं जिन्होंने नौ हजार से अधिक ई-कंटेट बना लिए हैं। यह ई-कंटेंट इसलिए बनाए जा रहे हैं जिससे संबंधित विश्वविद्यालय के अलावा दूसरे विश्वविद्यालयों के छात्र छात्राओं को भी उनका लाभ मिल सके।
कानपुर, जेएनएन। तकनीक और ऑनलाइन स्टडीज के इस युग में धड़ल्ले से वह इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा रहा है। परंतु किन्हीं कारणों से शिक्षा के क्षेत्र में इसका वह उपयोग नहीं हो रहा है। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय सीएसजेएमयू ने अभी प्रदेश सरकार की वेबसाइट पर महज 128 ई-कंटेंट अपलोड किए हैं जबकि प्रदेश में ऐसे विश्वविद्यालय भी हैं जिन्होंने नौ हजार से अधिक ई-कंटेंट तैयार कर लिए हैं। प्रदेश सरकार ने स्वीकृत किए गए ई-कंटेंट की रिपोर्ट जारी है जिसमें यह ब्योरा दिया गया है।
एक महीने पहले हुई थी ई-कंटेंट उपलब्ध कराने की शुरुआत
प्रदेश सरकार ने छात्रों तक बेहतरीन डिजिटल स्टडी मैटेरियल पहुंचाने के लिए विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि वह अधिक से अधिक ई-कंटेंट बनाकर उनकी वेबसाइट पर अपलोड करें। इसकी शुरुआत एक से डेढ़ महीने पहले की गई। ई-कंटेंट बनाने की दौड़ में सीएसजेएमयू कई अन्य विश्वविद्यालयों की अपेक्षा बहुत पीछे है। विश्वविद्यालय के शिक्षकों के बनाए गए महज 128 ई-कंटेंट ही अभी तक अपलोड किए गए हैं। शिक्षकों ने 132 ई-कंटेंट बनाए थे जिनमें से चार ई-कंटेंट पैंडिंग पड़े हुए हैं। यह ई-कंटेंट इसलिए बनाए जा रहे हैं जिससे संबंधित विश्वविद्यालय के अलावा दूसरे विश्वविद्यालयों के छात्र छात्राओं को भी उनका लाभ मिल सके।
20 फीसद ऑनलाइन कक्षा अनिवार्य
कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने साफ कर दिया है कि विश्वविद्यालय परिसर में संचालित सभी प्रोफेशनल कोर्स में स्नातकोत्तर के छात्र छात्राओं की 20 फीसद ऑनलाइन कक्षा अनिवार्य रूप से लगाई जाएं। इसके अलावा 80 फीसद ऑफलाइन पढ़ाई हो। स्टडी के लिए बनाए गए इस नियम का पालन करने के लिए विभागाध्यक्षों को उन्होंने निर्देश जारी किए हैं। विश्वविद्यालय की सत्र वार्षिक परीक्षा समय पर कराए जाने के लिए पढ़ाई तय शेड्यूल के अनुसार शुरू हो चुकी है। इसमें भी ई-कंटेंट की भूमिका महत्वपूर्ण है।
इनका ये है कहना अभी ई-कंटेंट की संख्या बहुत कम है। शासन की मंशा के अनुरूप शिक्षकों को अधिक से अधिक ई-कंटेंट बनाए जाने के लिए काम करना चाहिए। - डॉ. रिपुदमन सिंह, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी ई-कंटेंट की मॉनीटरिंग की जा रही है। आंकड़े बेहद हताश करने वाले हैं। विश्वविद्यालय की छात्र संख्या को देखते हुए ही अभी ई-कंटेंट तैयार नहीं हो पाए हैं जबकि यह अधिक से अधिक छात्र छात्राओं के लिए तैयार किए जाने के निर्देश हैं। - डॉ. अनिल कुमार यादव, कुलसचिव सीएसजेएमयू