सेंटर फार एक्सीलेंस बढ़ाएगा शहद और मूंगफली का उत्पादन, सीएसए में चल रही तैयारी
कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में शहर और मंगफली के अलावा आलू उत्पादन व बकरी पालन के लिए सेंटर फॉर एक्सीलेंस की स्थापना की रूपेरखा बना ली गई है। इससे कृषि तकनीक को खूब बढ़ावा मिलेगा।
कानपुर, जेएनएन। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए तकनीक विकसित कर रहा है। फल, सब्जी, दालों की नई प्रजातियां सामने आएंगी, जिसमें न सिर्फ रोग व कीट का हमला कम रहेगा, बल्कि उत्पादन भी अधिक होगा। इसके लिए सेंटर फार एक्सीलेंस के तहत कृषि विशेषज्ञ काम कर रहे हैं। बहुत जल्द शहद, मूगफली के लिए इसकी स्थापना की जाएगी। इसमें आलू की फसल के अलावा बकरी व मुर्गी पालन को भी बढ़ावा देने के लिए काम किया जाएगा।
कृषि विश्वविद्यालय में गेहूं और सब्जियों का सेंटर फार एक्सीलेंस पहले ही स्थापित है। अब शहद, मूंगफली, आलू, बकरी व मुर्गी पालन का सेंटर फार एक्सीलेंस बनाया जाएगा।यह सेंटर कृषि विज्ञान केंद्रों के अंतर्गत निर्मित होंगे। शासन की ओर से चार सेंटरों के लिए 25-25 लाख रुपये का बजट मिल गया है। कुलपति डा. डीआर सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ किसानों की दोगुनी आय के लिए काम कर रहे हैं। उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए उत्पादों का मूल्य संवर्धन किया जा रहा है। सेंटर फार एक्सीलेंस से कृषि तकनीक को बढ़ावा मिलेगा।
अलीगढ़, इटावा, मैनपुरी, फतेहपुर में बनेगा सेंटर
निदेशक प्रसार डा. एके ङ्क्षसह ने बताया कि अलीगढ़, इटावा, मैनपुरी, फतेहपुर के कृषि विज्ञान केंद्रों में सेंटर फार एक्सीलेंस बनाया जाएगा। अलीगढ़ में शहद, इटावा में आलू, मैनपुरी में मूंगफली और फतेहपुर में बकरी व मुर्गी पालन पर काम होगा। आलू, शहद, मूंगफली का मूल्य वर्धन किया जाएगा। उनके अन्य उत्पाद तैयार होंगे। बकरी की प्रजातियां सेंट्रल इंस्टीट््यूट फार रिसर्च आन गोट से मंगवाई जाएंगी। मुर्गी पालन के लिए कड़कनाथ जैसी प्रजातियों पर काम होगा। किसानों के खेतों पर ट्रायल लगाए जाएंगे। उन्हें प्रशिक्षण भी देने की योजना है।