Oxygen Crises: इंसानियत को शर्मसार कर रहे आपदा के असुर, वाट्सएप और फेसबुक को बनाया जरिया
कानपुर शहर में अपराधी अब ऑक्सीजन सिलिंडर की कालाबाजारी कर रहे हैं। इंटरनेट मीडिया के सोशल प्लेटफार्म पर मदद वाली पोस्ट डालकर झांसा देकर लोगों को ठग रहे हैं। शिकार फंस जाने पर 55 से 65 हजार रुपये में सिलिंडर बेंच रहे हैं।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना काल में अब अपराधियों ने भी समाज सेवा का चोला ओढ़ लिया है। वाट्सएप ग्रुप बनाकर और फेसबुक समेत इंटरनेट मीडिया के अन्य प्लेटफार्म पर ऑक्सीजन सिलिंडर के लिए संपर्क करें जैसे पोस्ट डालकर जरूरतमंदों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। एक चर्चित अपराधी ने भी ऐसी ही एक पोस्ट वायरल की, जिसके बाद पुलिस के कान खड़े हो गए हैं। छानबीन में सामने आया है कि मदद के नाम पर लोगों को झांसे में लेते हैं और बाद में जरूरतमंद को 55 से 65 हजार रुपये के बीच सिलिंडर बेचकर कालाबाजारी कर रहे हैं। पुलिस शातिरों की तलाश कर रही है।
शातिरों के गैंग में एक चर्चित अपराधी भी है, जिसे कुछ समय पहले लखनऊ एसटीएफ भी पकड़ चुकी है। कोरोना काल में अब वह अवसर तलाश कर अपनी जेब भरने में जुटा है। कुछ समय पहले इंटरनेट मीडिया पर उसकी पोस्ट वायरल हुई थी। छानबीन शुरू की गई तो उसके गिरोह के कुछ लोगों की बातचीत की रिकार्डिंग भी पुलिस के हाथ लगी, जिसमें शातिर का गुर्गा एक जरूरतमंद से सिलिंडर की डीलिंग कर रहा है। डीलिंग में उसने एक घंटे में सिङ्क्षलडर पहुंचाने की बात कही।
रुपये के लेनदेन की बात हुई तो गुर्गे ने उसे अपने व्यापार की स्कीम बताते हुए कहा कि सिङ्क्षलडर आपको 55 हजार रुपये का मिलेगा। जरूरतमंद ने कीमत सुनी तो होश उड़ गए। उसने कहा कि भाई साहब कुछ ज्यादा नहीं है। इस पर गुर्गे का कहना था कि कुछ ज्यादा नहीं है। आपको जरूरत है। अपने मरीज को बचाना है। रुपया तो फिर कमा लोगे। हमने 65 हजार में सिलिंडर बेचे हैं। आपकी बात है तो 55 हजार दीजिएगा। सिलिंडर वापस करने पर 15 हजार रुपये रिफंड कर दिया जाएगा। पुलिस अब गुर्गे और सरगना की तलाश में जुटी है। मामले की जानकारी हुई है। शातिर की तलाश के लिए सर्विलांस टीम काम कर रही है। जल्द ही आरोपितों की धर पकड़ कर राजफाश किया जाएगा। -विकास पांडेय, एसीपी गोविंद नगर