चाचा की हत्या के मामले में विधायक ने नहीं लिखाई थी झूठी रिपोर्ट, हुए दोषमुक्त

पुलिस ने विवेचना की तो मामला फर्जी पाया जिसके बाद घटना के कोई साक्ष्य न होने की दलील देते हुए पुलिस ने वर्ष 2008 में ही अंतिम रिपोर्ट लगा दी और सांगा के खिलाफ झूठी तहरीर लिखाने का प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया था जिस पर परिवाद चल रहा था।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 01:06 PM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 01:06 PM (IST)
चाचा की हत्या के मामले में विधायक ने नहीं लिखाई थी झूठी रिपोर्ट, हुए दोषमुक्त
अभिजीत सांगा के चाचा श्रवण कुमार की हत्या कर दी गई

कानपुर, जेएनएन। बारह साल पुराने एक मामले में विधायक अभिजीत ङ्क्षसह सांगा को न्यायालय ने दोषमुक्त करार दे दिया। पुलिस ने उनके खिलाफ झूठी रिपोर्ट लिखाने का मुकदमा चलाया था, जिसे अदालत ने नहीं माना। बिठूर में 16 फरवरी 2008 को वर्तमान विधायक और तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य रहे अभिजीत सांगा के चाचा श्रवण कुमार की हत्या कर दी गई थी।

इस मामले में राजू दुबे और विमल दीक्षित का नाम सामने आया था, जिसके बाद आक्रोश में सांगा ने समर्थकों के साथ विमल दीक्षित के कालेज में तोडफ़ोड़ की थी। इस घटना में सांगा और उनके समर्थकों के खिलाफ बिठूर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था, जिसके बाद सांगा की ओर से भी एक तहरीर बिठूर थाने में दी गई। आरोप लगाया गया कि वह बिठूर से मंधना जा रहे थे तभी रास्ते में राजू दुबे और विमल ने साथियों के साथ तमंचे और बमों से हमला कर दिया जिसमें उनके हाथ पर भी चोट आई थी। गाडिय़ां भी क्षतिग्रस्त हुईं थी। 

पुलिस ने विवेचना की तो मामला फर्जी पाया, जिसके बाद घटना के कोई साक्ष्य न होने की दलील देते हुए पुलिस ने वर्ष 2008 में ही अंतिम रिपोर्ट लगा दी और सांगा के खिलाफ झूठी तहरीर लिखाने का प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया था जिस पर परिवाद चल रहा था। इस मामले में विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट बालकृष्ण एन रंजन ने सुनवाई की। समस्त तथ्यों और साक्ष्यों का परीक्षण करने के बाद पुलिस की ओर से चलाए जा रहे झूठी रिपोर्ट लिखाने के मुकदमे को न्यायालय ने सही नहीं पाया और विधायक अभिजीत ङ्क्षसह सांगा को बरी कर दिया। 

chat bot
आपका साथी