बसपा ने बदली रणनीति, अब संगठन से निष्क्रिय पदाधिकारियों को दिखाएगी बाहर का रास्ता
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों में जीत के लिए बसपा ने बूथ स्तर पर संगठन मजबूत करने की ठानी है। नवीन मार्केट स्थित कार्यालय में बैठक में पदाधिकािरयों ने निष्क्रिय लोगों को बाहर करने का निर्णय लिया ।
कानपुर, जेएनएन। निष्क्रिय पदाधिकारियों को बसपा पार्टी से निकालकर ऊर्जावान कार्यकर्ताओं को मौका देगी। युवाओं को पार्टी से जोडऩे के लिए भी विशेष रूप से कार्य किया जाएगा। शुक्रवार को नवीन मार्केट स्थित पार्टी कार्यालय में हुई बैठक में इस संबंध में संगठन को मजबूत करने को लेकर मुख्य सेक्टर प्रभारियों ने जिलाध्यक्षों, मंडल प्रभारियों के साथ रणनीति तैयार की।
2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा का प्रदर्शन जिले में बहुत ही खराब रहा है। 2007 के चुनाव में तीन सीटों पर जीतने वाली पार्टी के खाते में एक भी सीट इन चुनावों में नहीं आई। इतना ही नहीं 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी के उम्मीदवारों का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा। जिला पंचायत सदस्य पद के चुनाव में भी दमदार जीत नहीं मिली है। यही वजह है कि पार्टी अब बूथ स्तर से लेकर जिला स्तर तक संगठन में उन कार्यकर्ताओं को तरजीह देने की रणनीति बना रही है जो सक्रिय हैं और पार्टी के हर कार्यक्रम में पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लेते हैं।
शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित बैठक में मुख्य सेक्टर प्रभारी एवं राज्यसभा सदस्य अशोक सिद्धार्थ ने कहा कि 2022 के चुनाव को जीतने के लिए जरूरी है कि पार्टी बूथ स्तर तक मजबूत हो। इस अवसर पर मुख्य सेक्टर प्रभारी नौशाद अली, हेमंत प्रताप सिंह, बौद्धप्रिय गौतम, प्रवेश कुरील, जिलाध्यक्ष रामशंकर कुरील, महानगर अध्यक्ष रामनारायण निषाद उपस्थित रहे।
जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की चर्चा नहीं
जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख पद के लिए जल्द ही चुनाव की तिथि घोषित होगी, लेकिन पार्टी की बैठक में इन चुनाव को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। एक पदाधिकारी ने बताया कि तिथि घोषित होने के बाद तय होगा कि चुनाव लड़वाना है या नहीं। वैसे भी कानपुर जिले में बसपा के जिला पंचायत सदस्यों की संख्या मात्र आधा दर्जन है। ऐसे में इस पद पर पार्टी के लिए 11 सदस्य और जुटाना होगा जो कि मुश्किल भरा काम है।