भाजपा में फूट से नहीं बन पाई सर्वसम्मति, मैदान में चार की बजाए सात प्रत्याशी कूदे
नगर निगम में सत्ता पर काबिज होने के बाद भी पार्टी को मुंह की खानी पड़ गई।
कानपुर, जेएनएन। नगर निगम की सत्ता पर काबिज भाजपा की आपसी फूट की वजह से कार्यकारिणी सदस्यों के लिए आखिरकार चुनाव कराने पड़े। सपा, कांग्रेस और निर्दलीयों ने तो सर्वसम्मति बनाने के लिए अपना एक उम्मीदवार उतारने से भी मना कर दिया, लेकिन भाजपा ऐसा नहीं कर पाई। पार्टी की ओर से चार की बजाय सात प्रत्याशी मैदान में कूद पड़े, जिससे मुंह की खानी पड़ गई और निर्दलीय ने बाजी मार ली।
छह सदस्यों के लिए हुआ चुनाव
नगर निगम कार्यकारिणी के छह सदस्यों के चुनाव के लिए सपा ने पहले ही अर्पित यादव और कांग्र्रेस ने अमन दीप सिंह गंभीर को प्रत्याशी घोषित कर दिया था। शनिवार को सदस्यों के चुनाव के लिए नगर निगम सदन बुलाया गया था। भाजपा में प्रत्याशी घोषित करने को लेकर सुबह से ही खींचतान मची रही। दोपहर तक प्रत्याशी तय करने को लेकर मंथन चलता रहा। महापौर प्रमिला पांडेय, भाजपा पार्षद दल के उपनेता महेंद्र शुक्ल और सचेतक यशपाल सिंह ने बताया कि पार्टी ने पार्षद सुमन त्रिवेदी, रमेश हटी, गिरीश चन्द्रा और दीपक शर्मा को प्रत्याशी घोषित किया।
निर्दलीय पार्षदों ने पर्ची से चुना नेता
सदन में कांग्र्रेस पार्षद दल के नेता कमल शुक्ल बेबी, सपा पार्षद दल के नेता सुहैल अहमद, और भाजपा के उपनेता महेंद्र शुक्ल ने कहा कि सर्वसम्मति से चुनाव कराए जाए। इसी बीच निर्दलीय पार्षदों ने कहा कि एक निर्दलीय पार्षद भी कार्यकारिणी में शमिल किया जाए। इस पर महापौर ने कहा कि पहले निर्दलीय पार्षद दल का नेता चयन किया जाए। दस निर्दलीय पार्षदों ने पर्ची से नेता राशिद महमूद को चुना। सर्वसम्मति से चुनाव नहीं होता देखकर पर्चा भरने की प्रक्रिया शुरू हुई। इसमें 15 पार्षदों ने पर्चा भरा। निर्दलीय पार्षद सुनील कनौजिया का गलत भरने पर पर्चा निरस्त कर दिया गया।
एक राय नहीं होने से हुई बगावत
भाजपा से गिरिश चन्द्रा, दीपक शर्मा, सुमन त्रिवेदी, रमेश हटी, राघवेंद्र मिश्र, नवीन पंडित, धीरेंद्र त्रिपाठी, अशोक पाल, निर्मला मिश्रा, राशिद आरफी, सपा से अर्पित यादव, कांग्र्रेस से अमन दीप सिंह गंभीर, निर्दलीय से राशिद महमूद व कीर्ति अग्निहोत्री ने भी पर्चा भरा। बाद में नवीन पंडित, अशोक पाल, कीर्ति अग्निहोत्री व राशिद आरफी ने पर्चा वापस ले लिया। निर्दलीय बचे प्रत्याशी ने कहा कि सर्वसम्मति से चुनाव होता है तो वह अपना नाम वापस ले लेगा। लेकिन, भाजपा में एक राय नहीं हो पाई, जिससे बगावत हो गई। महिला पार्षदों ने कहा कि वह निर्मला मिश्रा को लड़ाएगी। बाद में धीरेंद्र त्रिपाठी ने महापौर से कहा कि प्रत्याशी का चयन गलत हुआ है। इसके विरोध में पर्चा भरा है, वह पार्टी के साथ हैं।