Bird Flu in Kanpur: चिड़ियाघर प्रशासन का दावा, हर पक्षी की मौत बर्ड फ्लू से नहीं, सर्दी भी हो सकती है वजह

Bird Flu in Kanpur पानी के नमूने मिश्रित होने से आई पॉजिटिव रिपोर्ट हुई थी पूल जांच।अब देखा जा रहा है कि कहां के पानी में था बर्ड फ्लू का वायरस। चिडिय़ाघर के सहायक निदेशक ने बताया कि नमूनों को मिश्रित करने के कारण पॉजिटिव रिपोर्ट आई है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 09:14 PM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 10:30 PM (IST)
Bird Flu in Kanpur: चिड़ियाघर प्रशासन का दावा, हर पक्षी की मौत बर्ड फ्लू से नहीं, सर्दी भी हो सकती है वजह
कानपुर में बर्ड फ्लू के कहर से संबंधित सांकेतिक तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। बर्ड फ्लू की जांच के लिए भेजे गए पानी के आठ नमूनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद चिडिय़ाघर प्रशासन ने गुरुवार को स्थिति साफ की है। कहा है कि अस्पताल घर, पक्षीलोक व पक्षीघर समेत दूसरे स्थानों से पानी के अलग-अलग नमूने लेकर नेशनल इंस्टीट््यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनीमल डिसीजेस भोपाल भेजे गए थे। इनकी पूल रिपोर्ट आई है, जिससे ये नहीं कह सकते कि पूरे परिसर में बर्ड फ्लू के वायरस हैं। अभी तक चिडिय़ाघर के किसी बाड़े या पिंजड़े में कोई चिडिय़ा या जानवर बीमार नहीं मिला है। इसलिए अब ये देखा जा रहा है कि बर्ड फ्लू का वायरस कहां था। हर पक्षी की मौत बर्ड फ्लू से नहीं हो रही। सर्दी भी इसकी बड़ी वजह है। 

चिडिय़ाघर में रहने वाला कोई भी पक्षी बीमार नहीं मिला

 चिडिय़ाघर के सहायक निदेशक अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि नमूनों को मिश्रित करने के कारण पॉजिटिव रिपोर्ट आई है। दो जंगली मुर्गों में बर्ड फ्लू के वायरस की पुष्टि होने के बाद सफाई और दवा का छिड़काव तेज किया गया है। छह दिन पहले बर्ड फ्लू की रिपोर्ट आई थी। तब से लेकर अब तक चिडिय़ाघर में रहने वाला कोई भी पक्षी बीमार नहीं मिला है। वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. आरके सिंह ने बताया कि बर्ड फ्लू इतना खतरनाक नहीं है, जितना उसे समझा जा रहा है। शहर में कौओं और कबूतरों समेत दूसरे सभी पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू से ही हुई होगी, ये कहना गलत है। लगातार गिर रहे तापमान से पक्षियों की मौत की एक बड़ी वजह सर्दी भी हो सकती है। रात का तापमान तीन डिग्री तक पहुंच गया है, जो पक्षियों के लिए बेहद घातक है। इसके साथ ही पेट में कीड़े होने पर भी उनकी मौत किसी भी समय हो सकती है।

समय-समय पर होती चिडिय़ाघर के पक्षियों की जांच 

डाॅ. आरके सिंह ने बताया कि चिडिय़ाघर में रहने वाले पक्षियों की जांच तो समय-समय पर होती रहती है। जरूरत पडऩे पर उन्हें दवा भी दी जाती है। हां, आसमान में स्वच्छंद उडऩे वाले पक्षियों को इससे बचाना मुश्किल है। वो किस बीमारी से मर रहे हैं, ये तब तक नहीं कहा जा सकता है, जब तक उनके नमूनों की रिपोर्ट नहीं आ जाती है।  

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