अपहरण कर हत्या करने में डकैत फक्कड़ बाबा और कुसुमा नाइन को उम्रकैद

अपहरण और हत्या के मामले में डकैत रामआसरे तिवारी उर्फ फक्कड़ बाबा और दस्यु सुंदरी कुसुमा नाइन को उम्रकैद और 35-35 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है।

By Ashish MishraEdited By: Publish:Wed, 01 Nov 2017 12:23 PM (IST) Updated:Wed, 01 Nov 2017 02:57 PM (IST)
अपहरण कर हत्या करने में डकैत फक्कड़ बाबा और कुसुमा नाइन को उम्रकैद
अपहरण कर हत्या करने में डकैत फक्कड़ बाबा और कुसुमा नाइन को उम्रकैद

कानपुर (जेएनएन)। गृह विभाग से सेवानिवृत्त अधिकारी के अपहरण और हत्या के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट की न्यायाधीश कुमारी आफशां ने डकैत रामआसरे तिवारी उर्फ फक्कड़ बाबा और दस्यु सुंदरी कुसुमा नाइन को उम्रकैद और 35-35 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है। दोनों को कड़ी सुरक्षा में जिला कारागार भेज दिया गया। इससे पहले दोनों को इटावा से उम्रकैद और आगरा से फांसी हुई थी। बाद में हाईकोर्ट से फांसी को उम्रकैद में बदल दिया था।
कल्याणपुर निवासी पवन कुमार शर्मा की सपा महिला प्रकोष्ठ की तत्कालीन जिलाध्यक्ष निर्मला गंगवार से वर्ष 1994 में जान-पहचान हुई, जिसके बाद आना जाना शुरू हो गया। बतौर शासकीय अधिवक्ता इसी बीच उसकी मुलाकात काकादेव की प्रभा से हुई। प्रभा ने इटावा स्थित ज्योहरवां में मौसी के यहां गृह प्रवेश का निमंत्रण दिया चूंकि पवन फूड प्रोसेसिंग का कोर्स कर रहा था लिहाजा वह नहीं गया, अपने पिता हरदेव आदर्श को भेज दिया।

हरदेव गृह विभाग से उपनिदेशक पद से रिटायर्ड हुए थे। चार जनवरी, 1995 को गए हरदेव को शाम तक वापस घर लौटना था लेकिन जब वह नहीं आए। छह जनवरी को पवन ने निर्मला से संपर्क किया। दूसरे दिन निर्मला पवन को डाकतार विभाग के दौलतराम के पास ले गई जहां जौहरी कटियार से मुलाकात हुई। उन्हें पूरी बात बताई तो उन्होंने बीहड़ में अपहरण की आशंका व्यक्त की।

आठ जनवरी को पवन ने कल्यानपुर थाने में पिता की गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज करा दी। इस दौरान पवन को फक्कड़ और कुसुमा के लेटरपैड पर पिता के हस्तलिखित कई पत्र प्राप्त हुए जिसमें फिरौती के रुपयों का इंतजाम करने को कहा गया। पवन एक अज्ञात व्यक्ति के साथ फक्कड़ गिरोह तक पहुंचा तो फक्कड़ और कुसुमा ने कहा कि 50 लाख रुपये दो तो पिता को छोड़ देंगे। रुपयों का इंतजाम न होने पर हरदेव आदर्श की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उनका शव 19 मार्च, 1995 को इटावा के सहसो थाना क्षेत्र में मिला था।

मुख्य गवाह था पवन
अभियोजन द्वारा कोर्ट में पेश नौ गवाहों में पवन मुख्य गवाह था। उसने कोर्ट को डकैतों के बीच पहुंचकर हुई बातचीत के बारे में बताया। गवाही दी कि फक्कड़ और कुसुमा के साथ सात और हथियारबंद डकैत भी मौजूद थे। कोर्ट में दोनों को पहचाना भी।

डकैत अरविंद के साथ सात और थे आरोपी
इस मामले में सात और आरोपी बनाए गए थे। इसमें डकैत अरविंद गुर्जर के साथ सपा महिला प्रकोष्ठ की तत्कालीन जिलाध्यक्ष निर्मला गंगवार, मोहन, देवेंद्र, जौहरी कटियार उर्फ रामनरेश, रमाकांत दुबे, अशोक चौबे को भी आरोपी बनाया गया था। 2003 में सभी साक्ष्य के अभाव में बरी हो चुके हैं।

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