फ्लैश बैक : आपातकाल के बाद कानपुर ने खोली थी कांग्रेस की राह

1977 में चुनाव हारने के बाद यहां छह बार आई थीं इंदिरा गांधी 1980 में कानपुर व बिल्हौर सीट पर कांग्रेस ने किया था कब्जा।

By AbhishekEdited By: Publish:Fri, 15 Mar 2019 03:15 PM (IST) Updated:Sat, 16 Mar 2019 11:50 AM (IST)
फ्लैश बैक : आपातकाल के बाद कानपुर ने खोली थी कांग्रेस की राह
फ्लैश बैक : आपातकाल के बाद कानपुर ने खोली थी कांग्रेस की राह
कानपुर, जागरण संवाददाता। कानपुर कांग्रेस के लिए हमेशा अहम रहा है। खासतौर पर आपातकाल के बाद तो कानपुर कांग्रेस के लिए इतना खास हो गया था कि 1977 का चुनाव हारने के बाद इंदिरा गांधी 1980 के अगले चुनाव तक कम से कम छह बार यहां आईं और आखिरकार जब 1980 के चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपना बिगुल फूंका तो उसके लिए जमीन भी कानपुर की ही चुनी। तब कांग्रेस ने कानपुर जनपद की तीन में से दो संसदीय सीटें तो जीती हीं। इसके अलावा देश में पार्टी दोबारा सत्ता में आई और इंदिरा गांधी फिर प्रधानमंत्री बनीं।
आपातकाल के बाद 1977 में चुनाव हुए तो कानपुर जनपद की तीनों लोकसभा सीट कानपुर, बिल्हौर, घाटमपुर कांग्रेस हार चुकी थी। उसकी केंद्र से भी सत्ता जाती रही। कांग्रेस आजादी के बाद से पहली बार सत्ता से बाहर हुई थी। इसके बाद इंदिरा गांधी का कानपुर आना बहुत अधिक हो गया और जब अगले चुनाव की बात आई तो कांग्रेस ने फूलबाग के ऐतिहासिक मैदान से ही दोबारा सत्ता पाने का अभियान शुरू किया। कानपुर ने भी इसे बखूबी स्वीकार किया और कानपुर व बिल्हौर संसदीय सीटें जिताकर कांग्रेस की गोद में डाल दीं। कांग्रेस इसे आज भी अपना एक टोटका मानती है।
इस संबंध में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शंकरदत्त मिश्रा का कहना है कि 1980 के चुनाव का अभियान पार्टी ने कानपुर से ही शुरू किया था। इस बीच जब भी इंदिरा गांधी रायबरेली, उन्नाव या लखनऊ आतीं तो उनकी कोशिश होती थी कि वह कानपुर जरूर आएं। इस बीच कानपुर में एक प्रदेश कार्यसमिति का भी आयोजन हुआ।
1977 का लोकसभा चुनाव
कानपुर संसदीय सीट
- मनोहर लाल (बीएलडी) 2,69,629
- नरेशचंद्र चतुर्वेदी (कांग्रेस ) 95,340
बिल्हौर संसदीय सीट
- रामगोपाल सिंह (बीएलडी) 2,56,306
- सुशीला रोहतगी (कांग्रेस ) 88,131
घाटमपुर संसदीय सीट
- ज्वाला प्रसाद कुरील (बीएलडी) 2,71,854
- राधेश्याम (कांग्रेस ) 86,350
1980 का लोकसभा चुनाव
कानपुर संसदीय सीट
-आरिफ मोहम्मद खान (कांग्रेस ) 1,63,230
- मकबूल हुसैन कुरैशी (जनता पार्टी) 88,049
बिल्हौर संसदीय सीट
-राम नारायण त्रिपाठी (कांग्रेस ) 1,19,203
- रघुनाथ सिंह (जनता पार्टी) 1,10,013
घाटमपुर संसदीय सीट
- आसकरन संखवार (जनता पार्टी) 1,45,671
- द्वारिका प्रसाद संखवार (कांग्रेस ) 1,01,951 
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