Honey Trap मामले में एटीएस ने DMSRDE के दोनों वैज्ञानिकों को दी क्लीनचिट Kanpur News

अब दोनों वैज्ञानिकों के लैपटॉप व अन्य उपकरण कोर्ट से वापस मिलेंगे।

By AbhishekEdited By: Publish:Sat, 16 Nov 2019 04:08 PM (IST) Updated:Sat, 16 Nov 2019 04:08 PM (IST)
Honey Trap मामले में एटीएस ने DMSRDE के दोनों वैज्ञानिकों को दी क्लीनचिट Kanpur News
Honey Trap मामले में एटीएस ने DMSRDE के दोनों वैज्ञानिकों को दी क्लीनचिट Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। हनी ट्रैप मामले में ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट के सीनियर सिस्टम इंजीनियर निशांत अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद उप्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की जांच के दायरे में आए डिफेंस मैटेरियल एंड स्टोर्स रिसर्च डेवलपमेंट इस्टेब्लिशमेंट (डीएमएसआरडीई) के दोनों वैज्ञानिकों को क्लीनचिट मिल गई। एटीएस की कानपुर यूनिट ने इसकी रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी है। अब दोनों वैज्ञानिकों को जब्त किए गए उनके लैपटॉप, मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस कोर्ट से वापस मिल जाएंगे।

नागपुर स्थित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ब्रह्मोस यूनिट में कार्यरत निशांत अग्रवाल को पिछले वर्ष अक्टूबर में हनी ट्रैप मामले में गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि निशांत से फेसबुक पर जुड़ी आइएसआइ की महिला एजेंट ने उनके लैपटॉप व कंप्यूटर पर मालवेयर भेजकर गोपनीय जानकारी हासिल की थी। जांच में एटीएस को पता लगा कि आइएसआइ एजेंट कानपुर कैंट स्थित डीएमएसआरडीई की एक महिला व एक पुरुष वैज्ञानिक से भी जुड़ी थीं। तब एटीएस ने दोनों वैज्ञानिकों से पूछताछ कर उनके लैपटॉप, मोबाइल व इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस कब्जे में लिये थे।

सरकार के कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम की जांच में उन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से कोई गोपनीय डाटा आदान प्रदान होने के साक्ष्य या कोई स्पाईवेयर (इंटरनेट से गोपनीय सूचनाएं व डाटा चोरी करने वाला सॉफ्टवेयर) नहीं मिला। टीम की रिपोर्ट आने के बाद एटीएस ने दोनों वैज्ञानिकों को क्लीनचिट दे दी है।

काजल और नेहा का पता नहीं लगा सकी एटीएस

निशांत व डीएमएसआरडीई के दोनों वैज्ञानिकों की फेसबुक आइडी से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के एजेंट काजल व नेहा नाम से फर्जी आइडी के जरिये जुड़े थे। अब तक एटीएस उन दोनों के बारे में पता नहीं लगा सकी। वह कौन थे और कहां से मैसेज व चैटिंग कर रहे थे, इसका भी पता नहीं लगा। 

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