साकेत नगर में 12,600 किलो खाद्य तेल सीज

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने छापेमारी कर पकड़ा मिलावट का खेल

By JagranEdited By: Publish:Sun, 31 Oct 2021 10:37 PM (IST) Updated:Sun, 31 Oct 2021 10:37 PM (IST)
साकेत नगर में 12,600 किलो खाद्य तेल सीज
साकेत नगर में 12,600 किलो खाद्य तेल सीज

- खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने छापेमारी कर पकड़ा मिलावट का खेल

- सरसों के तेल में किसी भी तरह का खाद्य तेल मिलाने पर रोक है, फिर भी हो रही थी मिलावट

जागरण संवाददाता, कानपुर : खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने रविवार को छापेमारी कर खाद्य पदार्थो के नमूने भरे और मिलावट पर नमूनों को सीज किया। सरसों के तेल में किसी भी तरह के खाद्य तेल की मिलावट अब नहीं की जा सकती है। खाद्य सुरक्षा व मानक प्राधिकरण ने यह व्यवस्था लागू की है, लेकिन साकेत नगर में मिलावट का मामला पकड़ में आया, जहां 12,600 किलोग्राम खाद्य तेल सीज किया गया।

साकेत नगर में विजेंद्र प्रसाद मिश्रा और ओमप्रकाश मिश्रा का प्रतिष्ठान है। यहां सरसों के तेल में सोयाबीन आयल मिलाए जाने की सूचना पर खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने छापा मारा। जांच के दौरान पाया गया कि प्रतिष्ठान में सरसों के तेल में अन्य तेल की ब्लेंडिग कर बाजार में बेचा जाता है। वहां मिलावट करते हुए कुछ कर्मचारी भी मिले। ऐसे में खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुशील सचान और उनकी टीम के सदस्यों ने सरसों का तेल, सोयाबीन आयल और मिलावट कर रखे गए तेल का नमूना लिया। 600 किलोग्राम ब्रांडेड एडिबल आयल, जिसमें सरसों का तेल एवं सोयाबीन का तेल मिलाया गया था मौके पर मिला। इसकी कीमत 88,800 रुपये है। साथ ही दो हजार किलोग्राम सोयाबीन का तेल और 10 हजार किलो सरसों का तेल सीज किया गया।

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1854 किलोग्राम खोवा सीज किया

फजलगंज खोवा मंडी में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने छापेमारी कर 1854 किग्रा खोवा सीज किया। कारोबारी 35 किग्रा खोवा छोड़कर भाग गए। खोवा का नमूना जांच को लिया गया है। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि दो डलिया खोवा लावारिस मिला। इसमें 35 किलो खोवा था। इसी तरह एक वैन में रखा 1819 किलो खोवा भी जब्त कर वहीं कोल्ड स्टोर में सीज कर रखा गया। वैन चालक से जब खोवा के बारे में पूछा गया तो वह उसके मालिकों के बारे में सही जानकारी नहीं दे सका। उसके साथ खोवा लेकर गुलाब सिंह आए हैं। गुलाब से पूछताछ की गई तो उसने कुछ कारोबारियों के नाम बताए। 24 घंटे में अगर वास्तविक मालिक नहीं आएंगे और नाम पता आदि नहीं बताएंगे तो खोवा नष्ट किया जाएगा।

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