फ्यूजन से संस्कृत को किया जा रहा प्रचलित

जागरण संवाददाता, कानपुर : संगीत के सात सुरों में पिरोकर जिस तरह गीत हर जुबां पर छा जाता है ठीक उसी त

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 May 2017 09:55 PM (IST) Updated:Sat, 20 May 2017 09:55 PM (IST)
फ्यूजन से संस्कृत को किया जा रहा प्रचलित
फ्यूजन से संस्कृत को किया जा रहा प्रचलित

जागरण संवाददाता, कानपुर : संगीत के सात सुरों में पिरोकर जिस तरह गीत हर जुबां पर छा जाता है ठीक उसी तरह संस्कृत भाषा भी है। भारतीय व पाश्चात्य संगीत का मिलाजुला रूप (फ्यूजन) से संस्कृत को दुनिया भर में प्रचलित करने का काम किया जा रहा है। दिल्ली में ऐसे कई कार्यक्रम हुए हैं जिनमें संगीत का सहारा लेकर इस भाषा को लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। वीएसएसडी डिग्री कालेज में शनिवार को प्राविधिक संस्कृत कार्यशाला के समापन समारोह पर बतौर मुख्य अतिथि दिल्ली संस्कृत व ¨हदी अकादमी के सचिव डा. जीतराम भट्ट ने यह बातें कहीं।

संस्कृत को आम लोगों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए उसकी सामग्री को रुचिकर बनाने की जरूरत है। सोशल मीडिया इसका सबसे सशक्त माध्यम है। संस्कृत भले ही आज भी प्राचीन भाषा के रूप में समझी जाती हो लेकिन वह आधुनिक भाषा सिद्ध हो रही है। इस मौके पर मुंबई से आए विशिष्ट अतिथि डा. मन्था श्रीनिवासु, श्री ब्रह्मावर्त सनातनधर्म महामण्डल के उपसभापति पं. रमाकांत मिश्र, महाविद्यालय प्रबंधतंत्र के सचिव वीरेंद्रजीत सिंह, संस्कृत विभाग की विभागाध्यक्ष डा. नवलता समेत अन्य शिक्षक व छात्र छात्राएं मौजूद थे।

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