फ्री होल्ड नहीं होगी मेगा लेदर क्लस्टर की भूमि

जागरण संवाददाता, कानपुर : रमईपुर में मेगा लेदर क्लस्टर की स्थापना के लिए एसपीवी (स्पेशल परपज व्हीकल

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 May 2017 01:01 AM (IST) Updated:Thu, 18 May 2017 01:01 AM (IST)
फ्री होल्ड नहीं होगी मेगा लेदर क्लस्टर की भूमि
फ्री होल्ड नहीं होगी मेगा लेदर क्लस्टर की भूमि

जागरण संवाददाता, कानपुर : रमईपुर में मेगा लेदर क्लस्टर की स्थापना के लिए एसपीवी (स्पेशल परपज व्हीकल) बनाने वाले उद्यमी चाहते हैं कि उनकी भूमि को फ्री होल्ड किया जाए पर यूपीएसआइडीसी प्रबंधन ने भूमि को फ्री होल्ड करने से मना कर दिया है। एमडी ने अब मेगा लेदर क्लस्टर डेवलपमेंट यूपी लिमिटेड के निदेशक से कहा है कि एमओयू हस्ताक्षर होने तक कुल कितने सदस्य एसपीवी के थे और वर्तमान में कितने हैं, इसकी सूची उपलब्ध कराएं।

मेगा लेदर क्लस्टर डेवलपमेंट यूपी लिमिटेड व यूपीएसआइडीसी मिलकर रमईपुर में मेगा लेदर क्लस्टर की स्थापना करेंगे। यूपीएसआइडीसी प्रबंधन ने वहां भूमि उपलब्ध करा दी है और उद्यमियों ने भी भूमि खरीद ली है। उद्यमी चाहते हैं कि भूमि को फ्री होल्ड कर दिया जाए। इसी संबंध में पिछले हफ्ते उन्होंने प्रबंध निदेशक के समक्ष प्रस्ताव भी रखा था पर उन्होंने प्रस्ताव नहीं माना। यूपीएसआइडीसी में भूमि को फ्री होल्ड करने की नीति नहीं है। यदि यूपीएसआइडीसी प्रबंधन एक जगह भूमि फ्री होल्ड करता है तो उसे अन्य जगहों पर भी करना होगा। यही वजह कि प्रबंधन ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया।

मंत्रालय से एनओसी भी फंसी

105 हेक्टेयर क्षेत्रफल में यह औद्योगिक क्षेत्र बसना है पर पर्यावरण मंत्रालय से अभी तक एनओसी नहीं मिली है। बिना एनओसी के औद्योगिक क्षेत्र स्थापित नहीं हो सकता। पर्यावरण मंत्रालय में अभी पत्रावलियां देखी जा रही हैं। इसे कब मंजूरी मिलेगी कहना मुश्किल है। जो क्षेत्र यूपीएसआइडीसी ने औद्योगिक क्षेत्र के लिए अधिसूचित किया है उसमें कुछ भूमि किसानों ने उद्यमियों को नहीं बेची। मंत्रालय का कहना है कि उद्यमी वह भूमि भी लें। जैसे ही उद्यमी यह भूमि खरीदेंगे एनओसी मिल जाएगी।

मुख्य सचिव के समक्ष उठेगा मामला

मेगा लेदर क्लस्टर डेवलपमेंट यूपी लिमिटेड के निदेशक अशरफ रिजवान का कहना है कि भूमि उद्यमियों ने खरीदी है। यूपीएसआइडीसी को सर्विस चार्ज दिया है। ऐसे में भूमि हमारी है तो फ्री होल्ड करने में यूपीएसआइडीसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास के समक्ष पूरे मामले को उठाएंगे।

chat bot
आपका साथी