19 हजार बीएड छात्रों को परिणाम का चार साल से इंतजार

जागरण संवाददाता, कानपुर : चार साल पहले बीएड में प्रवेश लेने वाले 19 हजार छात्रों का अधर में है। तत्क

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Apr 2017 06:59 PM (IST) Updated:Thu, 20 Apr 2017 06:59 PM (IST)
19 हजार बीएड छात्रों को परिणाम का चार साल से इंतजार
19 हजार बीएड छात्रों को परिणाम का चार साल से इंतजार

जागरण संवाददाता, कानपुर : चार साल पहले बीएड में प्रवेश लेने वाले 19 हजार छात्रों का अधर में है। तत्कालीन प्रदेश सरकार के आदेश पर 2013-14 में बीएड की रिक्त सीटों पर इन्हें दाखिला दिया गया था। हालांकि मामला उलझने पर बाद में कोर्ट के आदेश पर इनकी परीक्षाएं कराई गई लेकिन रिजल्ट रुक गया। अब स्ववित्त पोषित महाविद्यालय एसोसिएशन यह मामला वर्तमान सरकार के सामने रखने जा रहा है।

यह जानकारी एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने गुरुवार को प्रेसवार्ता में दी। उन्होंने बताया कि नई सरकार से छात्रों को काफी उम्मीदें हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस मसले का जल्द ही हल कर लिया जाएगा। बैठक में डा. बृजेश भदौरिया, डा. मोहर सिंह यादव व डा. प्रमोद कुमार समेत अन्य कालेज संचालक मौजूद थे।

परीक्षा शुल्क 20 गुना तक बढ़ा :

एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने पिछले 19 वर्षो में परीक्षा शुल्क 20 गुना तक बढ़ा दिया है। प्रयोगात्मक परीक्षाओं को मिलाकर 1998 में 50 रुपये प्रति छात्र परीक्षा शुल्क लिया जाता था जो कि अब बढ़ाकर एक हजार के करीब पहुंच गया है जबकि इसके उलट स्नातक की फीस पांच हजार रुपये से एक पैसा भी नहीं बढ़ाई गई है।

अंकों के आधार पर चयन ने बढ़ाई नकल :

अंकों के आधार पर बीटीसी समेत अन्य कोर्सो से लेकर नौकरी में चयन होने की नीति से नकल बढ़ी है। एसोसिएशन ने नीति बदलने की मांग भी की।

यह भी हैं मांगें :

-एकेडमिक, रिसर्च व ट्रेनिंग के लिए विवि का सभागार निशुल्क दिया जाए

-नेक ग्रेडिंग प्राइवेट कालेजों को भी सरकार अनुदान दे

chat bot
आपका साथी