ग्रेच्युटी गणना की अवधि बढ़ेगी

जागरण संवाददाता, कानपुर : केंद्र सरकार ग्रेच्युटी कानून 1972 में संशोधन कर रही है। इसके लिए उसने श्र

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Mar 2017 01:01 AM (IST) Updated:Sat, 25 Mar 2017 01:01 AM (IST)
ग्रेच्युटी गणना की अवधि बढ़ेगी
ग्रेच्युटी गणना की अवधि बढ़ेगी

जागरण संवाददाता, कानपुर : केंद्र सरकार ग्रेच्युटी कानून 1972 में संशोधन कर रही है। इसके लिए उसने श्रम संगठनों से प्रस्ताव मांगे हैं। भारतीय मजदूर संघ ने ग्रेच्युटी की सीमा को 20 लाख रुपये करने, 10 श्रमिकों की अनिवार्यता समाप्त करने और गणना अवधि के दिनों को बढ़ाने की मांग की है।

भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय मंत्री सुखदेव प्रसाद मिश्र ने सुझाव दिया है कि ग्रेच्युटी अदायगी कानून 1972 में व्यापक संशोधन करने की जरूरत है ताकि देश में कम वेतन पाने वाले करोड़ों कर्मचारी लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष की न्यूनतम सेवा की शर्तो को हटाया जाना चाहिए क्योंकि आज कर स्थाई कर्मचारियों की संख्या सभी स्थानों पर कम हो रही है। प्रस्तावित 'कोड आफ वेजेज' में पहले ही यह सीमा पांच से घटा कर तीन वर्ष प्रस्तावित की गई है।

उन्होंने कहा कि 10 से अधिक श्रमिकों की अनिवार्यता को खत्म करना चाहिए, क्योंकि बहुत से संस्थानों में 10 से कम श्रमिक ही काम करते हैं। ग्रेच्युटी अवधि को 15 दिन के बजाए इसे कम से कम 26 दिन करना चाहिए। साथ ही कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों के मामले में यह सीमा 26 से भी अधिक होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बढ़ी हुई उपादान राशि पर आयकर की विशेष छूट रहना चाहिए।

भामस नेता ने कहा कि ग्रेच्युटी की राशि सेवाकाल पूरा करने पर वेतनभोगी को प्राप्त होती है। इस राशि का उपयोग मालिक अपने तरीके से करते रहे हैं और न ही इस राशि पर कोई ब्याज देय है जो उचित नहीं है। भविष्य निधि की तरह इसकी गणना मासिक आधार पर करते हुए किसी बोर्ड राशि किसी बोर्ड के अधीन होना चाहिए।

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