पुलिस के इकबाल को चुनौती दे रहे शातिर

जागरण संवाददाता कन्नौज बैंकों से दिनदहाड़े रुपये उठाकर भाग जाने की यह कोई पहली वार

By JagranEdited By: Publish:Sat, 29 Jan 2022 12:03 AM (IST) Updated:Sat, 29 Jan 2022 12:03 AM (IST)
पुलिस के इकबाल को चुनौती दे रहे शातिर
पुलिस के इकबाल को चुनौती दे रहे शातिर

जागरण संवाददाता, कन्नौज : बैंकों से दिनदहाड़े रुपये उठाकर भाग जाने की यह कोई पहली वारदात नहीं है। चार सितंबर को कन्नौज की पंजाब नेशनल बैंक शाखा से भी कैश काउंटर से 10 लाख रुपये चोरी हो चुके हैं। पुलिस चोरों को पकड़ने के लिए छत्तीसगढ़ तक गई, लेकिन अभी तक नतीजा सिफर है। हालांकि घटना डीजीपी कार्यालय के संज्ञान में है, जिसको लेकर पुलिस हवा में हाथ-पैर चला रही है।

शहर के मोहल्ला अशोक नगर स्थित पंजाब नेशनल बैंक शाखा में चार सितंबर की दोपहर कैश काउंटर से एक युवक ने 10 लाख रुपये चोरी कर लिए थे। यह घटना भी सीसी कैमरे में कैद हो गई थी। पुलिस ने छानबीन के दौरान पता लगा लिया कि छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के लोग इस तरह की वारदात को अंजाम देते हैं। सदर कोतवाली में इस घटना का मुकदमा दर्ज है। विवेचना में लापरवाही पर सीओ सिटी शिवप्रताप सिंह ने कोतवाल को नोटिस भी दिया है। इसके बाद मामले को डीजीपी कार्यालय ने भी संज्ञान में लिया और एसपी को घटना का पर्दाफाश करने के निर्देश दिए गए थे। अब छिबरामऊ की बैंक आफ बड़ौदा शाखा में भी दिनदहाड़े उद्योगपति के 15 लाख रुपये कैश काउंटर से उठा लिए गए। दोनों घटनाओं में कई समानताएं हैं। कन्नौज की घटना में भी दो युवक थे तो छिबरामऊ में भी दो युवक सीसी फुटेज में दिखाई दे रहे हैं। दोनों घटनाओं में रुपये उठाने का तरीका भी एक जैसा है। पुलिस बैंक कर्मियों की मिलीभगत होने की बात कहकर घटना से पल्ला झाड़ना चाहती है, लेकिन उठाईगीर लगातार पुलिस के इकबाल को चुनौती दे दे रहे हैं। एसओजी, स्वाट और सर्विलांस टीमों के लगे होने के बाद भी अभी तक पुलिस के हाथ खाली हैं। आसपास जिलों में भी हो चुकी वारदातें

पुलिस के मुताबिक कन्नौज में दो घटनाएं हुईं हैं तो फर्रुखाबाद, कानपुर और उन्नाव समेत प्रदेश के कई जनपदों में बैंक से रुपये उठने की घटनाएं हो चुकीं हैं। पुलिस को मालूम है कि यह छत्तीसगढ़ का गिरोह है, मगर अभी तक एक भी उठाईगीर को पुलिस नहीं पकड़ सकी है। एसपी प्रशांत वर्मा का कहना है कि छत्तीसगढ़ का वह इलाका बेहद दुर्गम और जंगली इलाका है, जहां ये छिप जाते हैं। वारदात को अंजाम देने के बाद उठाईगीर दूसरे प्रदेशों में चले जाते हैं। मोबाइल नहीं रखते हैं, जिससे उनका पता नहीं चल पाता है। फिर भी पुलिस चोरों को पकड़ने के हर संभव प्रयास कर रही है।

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