ओले की नहीं हुई पुष्टि, बारिश से मिला नुकसान

फसल सर्वे - कृषि व बीमा कंपनी ने किया आकलन क्राप कटिग के आधार पर मिलेगा क्लेम - बिना बीमा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Jan 2022 06:34 PM (IST) Updated:Tue, 11 Jan 2022 06:34 PM (IST)
ओले की नहीं हुई पुष्टि, बारिश से मिला नुकसान
ओले की नहीं हुई पुष्टि, बारिश से मिला नुकसान

फसल सर्वे

- कृषि व बीमा कंपनी ने किया आकलन, क्राप कटिग के आधार पर मिलेगा क्लेम

- बिना बीमा फसलों को राजस्व विभाग की तरफ से मिलेगी राहत, जांच जारी

जागरण संवाददाता, कन्नौज : पांच दिन तक रुक-रुककर हुई बारिश से बर्बाद फसलों का कृषि विभाग व बीमा कंपनी ने सर्वे किया तो ओलावृष्टि न होना पाया है। मंगलवार को कृषि विभाग के प्राविधिक सहायक व बीमा कंपनी के प्रतिनिधि ने उपनिदेशक कृषि ज्ञानचंद्र कटियार को यह रिपोर्ट दी है, जिसमें ओलावृष्टि की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन फसलों को बारिश से संभावित दस प्रतिशत तक नुकसान होना दर्शाया है, जिसका क्लेम प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत आलू, गेहूं व सरसों का बीमा कराए किसानों को मिलेगी। क्लेम की धनराशि बीमा कंपनी देगी, जो मार्च व अप्रैल में कटाई के दौरान क्राप कटिग के आधार पर मिलेगी। जिला कृषि अधिकारी आवेश सिंह ने बताया कि सर्वे के आधार पर जिले में ओलावृष्टि नहीं हुई है। इसलिए व्यक्तिगत क्लेम नहीं बनता है। सिर्फ बारिश से नुकसान होना पाया है, जो फसल बीमा के तहत क्लेम में आता है। इसका लाभ क्राप कटिग के दौरान मिलता है। ओलवृष्टि, भूस्खलन व आकाशीय बिजली दैवीय आपदा में आता है। इनसे नुकसान होने पर व्यक्तिगत क्लेम बनता है और फौरन दिया जाता है। जिले में इस तरह से नुकसान नहीं हुआ है। यह रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। नुकसान पर राजस्व देगा सभी को राहत, सर्वे जारी फसल बीमा के तहत बर्बाद फसलों का सर्वे व क्लेम कृषि विभाग के माध्यम से दिया जाता है। इससे सिर्फ फसलों का बीमा कराए किसानों को ही कंपनी नुकसान होने पर क्लेम देती है, लेकिन इस तरह की स्थिति में सभी को राहत देने के लिए कृषि व बीमा कंपनी के अलावा राजस्व विभाग अलग से सभी फसलों का सर्वे करता है, जो शासन से निर्देश पर तहसीलों में जारी है। इसमें 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर बीमित व बिना बीमा फसल दोनों तरह के किसानों को मुख्यमंत्री राहत कोष से क्लेम के तौर पर धनराशि मिलेगी। वहीं, पिछले वर्ष अक्टूबर में 3,977 हेक्टेयर फसल बर्बाद होने पर मुख्यमंत्री राहत कोष से 15,840 किसानों को 3.90 करोड़ रुपये दिए गए थे। सदर तहसील में नहीं हुआ नुकसान : एसडीएम एसडीएम सदर उमाकांत तिवारी ने बताया कि तहसील क्षेत्र में ओलावृष्टि नहीं हुई है। बारिश से भी फसलों को नुकसान नहीं होना पाया गया है। सर्वे पूरा हो गया है। सभी लेखपालों ने यह रिपोर्ट दी है, जो जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को जाएगी। ये होती क्राप कटिग प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत फसलों का बीमा ऋणी व गैरऋणी किसान कराते हैं। योजना के तहत दैवीय आपदा से नुकसान होने पर कंपनी 72 घंटे के अंदर शिकायत दर्ज कराने पर सर्वे करती है और नुकसान होने पर मानक के अनुसार करीब एक माह में क्लेम देती है। इसके अलावा बारिश, जलभराव व अन्य कारणों से नुकसान होने पर फसल कटाई के दौरान क्राप कटिग की जाती है। क्राप कटिग यानी कटाई के दौरान उपज का आकलन करते हैं जो मानक से कम निकले पर नुकसान मानकर क्लेम दिया जाता है। इस प्रक्रिया में दैवीय आपदा के दौरान शिकायत दर्ज करने से वंचित रह गए किसान भी लाभान्वित होते हैं। क्राप कटिग एक गांव में पांच खेतों की होती है। इस आधार पर आसपास की अन्य बीमित फसलों का भी आकलन कर लिया जाता है। यूनिवर्सल सोम्फो इन्शयोरेंस कंपनी के जिला प्रतिनिधि ने बताया कि बीमित किसान टोलफ्री नंबर पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इन नंबरों पर करें शिकायत 1800 8896 6868 1800 200 5142

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