आधा दर्जन गांवों में फैला डायरिया

By Edited By: Publish:Wed, 12 Jun 2013 09:43 PM (IST) Updated:Wed, 12 Jun 2013 09:45 PM (IST)
आधा दर्जन गांवों में फैला डायरिया

सात से अधिक गांव के मरीज मेडिकल कालेज भर्ती

ग्रामीण क्षेत्र में झोलाछापों की मौज

तिर्वा, संवाददाता : ग्रामीण क्षेत्र के अलावा अब शहरी क्षेत्र में भी डायरिया व कालरा रोग ने अपने पैर पसारना शुरू कर दिया है। सात से अधिक गांव में दर्जनों लोग डायरिया के प्रकोप से पीड़ित है। पीड़ितों का उपचार मेडिकल कालेज में चल रहा है। संक्रामक रोग फैलने से झोलाछाप की दुकानों पर भी मरीजों का तांता लगा रहता है। झोलाछाप मरीजों की जान से खेलने में जरा भी चूक नहीं कर रहे हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग अनजान बना हुआ है।

तपती धूप और चिलचिलाती गर्मी में पानी की बूंदाबांदी से उमस बढ़ जाती है। इससे तरह-तरह की बीमारियां पनपने लगी हैं। इसके बचाव के लिए अभी तक स्वास्थ्य विभाग कोई अहम कदम नहीं उठा रहा है। तहसील क्षेत्र के नुनारी गांव निवासी राम रोशनी (45), शिवपाल (36), राकेश कुमार (30), सत्यवती (50), रिंकी देवी (12), सुनीता देवी (21), चिंतापुर्वा गांव निवासी मुरारी लाल की पुत्री ललिता (15), बबिता (12), रामजी (16), मकरंदनगर कन्नौज निवासी बृजेश कुमार (18), सना देवी (15), पतरियनपुर्वा गांव निवासी मिथलेस (25), श्यामपुर धौरारा गांव निवासी रीना देवी (26), अनीता देवी (34), लीलावती (51), आशुतोष कुमार (16) समेत अन्य लोग डायरिया व कालरा की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 10 लोगों का उपचार मेडिकल कालेज व अन्य का उपचार निजी स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। संक्रामक रोग फैलने से झोलाछाप डाक्टरों की दुकानों में भी रौनक बढ़ गई है। ग्रामीण अंचल में छोलाछाप डाक्टर मरीजों को भर्ती कर तीन इंजेक्शन व दो ग्लूकोज की बोतल के साथ लाल-पीली गोलियां देकर जमकर रूपए ऐंठ रहे हैं। यह डाक्टर बिना डिग्री व क्लीनिक रजिस्ट्रेशन के घरों व पेड़ की छांव में तो कुछ आठ फुट की दुकान में पूरा अस्पताल चला रहे हैं। डाक्टर मरीज को भर्ती करके परिजनों से दो से तीन हजार रूपए वसूल कर मरीज को हालत गंभीर बताकर रिफर कर देते हैं।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डा. अवधेश ने बताया कि उमर्दा ब्लाक के किसी भी गांव में डायरिया का प्रकोप होने की जानकारी नहीं हैं। अगर कोई गांव में रोग फैल रहा है तो स्वास्थ्य टीम भेजकर उपचार कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि विकास खंड उमर्दा क्षेत्र में संक्रामक रोगों से बचाव के लिए 31 टीमों को लगाया गया है। जो रोस्टर से गांव-गांव टीकाकरण करने में लगी हुई हैं।

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