जुलाई माह में कोरोना से सिर्फ 1 मौत
सुकून भरी खबर - दूसरी लहर में आँकड़ों के लिहाज से सबसे अच्छा रहा यह माह - मई में सर्वाधिक 301 लोग
सुकून भरी खबर
- दूसरी लहर में आँकड़ों के लिहाज से सबसे अच्छा रहा यह माह
- मई में सर्वाधिक 301 लोगों की संक्रमण के कारण जान गई
झाँसी : अप्रैल के दूसरे पखवाड़े से शुरू हुई दूसरी लहर के भयानक प्रकोप के बाद जुलाई माह सबसे अधिक राहत भरी खबर लेकर आया। इस पूरे माह में कोरोना से सिर्फ 1 मरी़ज की मौत हुई। यह संख्या पिछले तीन माह की संख्या के मुकाबले न के बराबर है। इधर, चिन्ताजनक बात यह हो गई है कि पिछले कुछ दिनों में ऐक्टिव केस बढ़ गये हैं। इसके अलावा इक्का-दुक्का संक्रमित भी अब रो़जाना मिलने लगे हैं। चिकित्सकों को डर है कि कोरोना से बेखौफ हो चुके लोगों की लापरवाही कहीं तीसरी लहर का दरवा़जा न खोल दे।
सर्दियों में लगभग शान्त हो चुकी कोरोना की पहली लहर के बाद अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में दूसरी लहर की शुरुआत हुई। यह इतनी भयानक थी कि चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल बन गया। एकाएक संक्रमितों की संख्या बढ़ने और कोरोना मरी़जों में ऑक्सिजन लेवल कम होने के चलते लाशों की जैसे झड़ी-सी लग गयी। जनपद में अप्रैल के शुरूआती 15 दिन में जहाँ सिर्फ 2 लोगों की जान इस संक्रमण के कारण गई तो इसके अगले 16 दिनों में यानी, 16 अप्रैल से 1 मई तक 109 लोगों की जान इस संक्रमण के कारण चली गयी। इस प्रकार 1 अप्रैल से लेकर 1 मई तक 111 लोगों ने इस बीमारी के कारण दम तोड़ा - यह तो बस शुरूआत थी। मई का महीना तो लोगों के ऊपर ़कहर बनकर बरपा। इस माह में सर्वाधिक 301 लोगों ने अपनी जान इस महामारी के कारण गँवायी। यही वो समय था, जब कोरोना के चलते हाहाकार जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी थी। श्मशान घाटों में लाइन लगी थी। चिता रखने की जगह ठण्डी होने का नाम नहीं ले रही थी। इसके बाद जून माह में दूसरी लहर का प्रकोप थोड़ा थमा, पर रोजाना मौतों का सिलसिला जारी रहा। जून माह में 65 लोगों की जान इस बीमारी के कारण चली गयी। हालाँकि इस महीने में संक्रमितों की संख्या लगातार कम होती चली गयी। इन डराने वाले आँकड़ों के सापेक्ष जुलाई माह बहुत अच्छा बीता। इस पूरे महीने सिर्फ 22 लोग संक्रमित मिले तो सिर्फ 1 मरी़ज की ही जान गयी। गौर करने वाली बात यह रही कि इस महीने भी सैम्पल साइ़ज में कमी नहीं की गयी। रोजाना 5-6 ह़जार सैम्पल की जाँच की गयी। जुलाई माह के आँकड़ों से ही यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर अब खत्म हो चुकी है।
ऐक्टिव केस बढ़ना चिन्ता की बात
इधर, एक बार फिर संक्रमितों की संख्या इक्का-दुक्का बढ़ने से चिन्ता बढ़ने लगी है। 22 जुलाई को जहाँ सिर्फ 2 ऐक्टिव केस थे तो अब 9 दिन बाद यह बढ़कर 9 हो गये हैं। 9 दिन में 7 ऐक्टिव केस बढ़ने को चिकित्सक चिन्ता की ऩजर से देख रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि लोगों को तीसरी लहर को लेकर सावधान रहने की आवश्यकता है। चिकित्सकों का कहना है कि बा़जार व सड़कों पर अब लोग बिना मास्क के दिखायी दे रहे हैं, यह लापरवाही तीसरी लहर की वजह बन सकती है। चिकित्सकों की अपील है कि लोग मास्क लगायें और कोरोना गाइडलाइन का पालन करें।
फोटो : हाफ कॉलम
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इन्होंने कहा
'कोरोना के आँकड़ों के लिहाज से जुलाई माह अच्छा रहा, पर इससे बेखौफ होने की ़जरूरत नहीं है। लोगों की बढ़ती लापरवाही के चलते फिर से नये केस आने लगे हैं। यह समय बहुत सावधान रहने का है, क्योंकि तीसरी लहर की शुरूआत कभी भी हो सकती है। डबल लेयर मास्क पहनें और 2 गज की दूरी बनाएं। सावधानी ही कोरोना से बचाव का एकमात्र उपाय है।'
- डॉ. पारस गुप्ता
सह कोविड नोडल ऑफिसर, महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलिज, झाँसी
फाइल : हिमांशु वर्मा
समय : 6.30 बजे
1 अगस्त 2021