तीसरी रेल लाइन : पेड़ काटने को आया 'सुप्रीम' आदेश

जागरण एक्सक्लूसिव ::: - पेड़ काटने के बाद वायु प्रदूषण के कारण ताजमहल की सफेदी हो सकती है प्रभावि

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Feb 2021 01:01 AM (IST) Updated:Sun, 07 Feb 2021 01:01 AM (IST)
तीसरी रेल लाइन : पेड़ काटने को आया 'सुप्रीम' आदेश
तीसरी रेल लाइन : पेड़ काटने को आया 'सुप्रीम' आदेश

जागरण एक्सक्लूसिव

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- पेड़ काटने के बाद वायु प्रदूषण के कारण ताजमहल की सफेदी हो सकती है प्रभावित

- तीसरी रेल लाइन के बाद झाँसी से आगरा के बीच 160 किलोमीटर की स्पीड से दौड़ेगी गतिमान

झाँसी : रेलवे में विकास की रफ्तार और ते़ज होने वाली है। अब झाँसी से मथुरा के बीच बिछाई जा रही तीसरी रेल लाइन से ट्रेन अपनी वास्तविक गति (130 से 160 किलोमीटर प्रति घण्टा) से चल सकेंगी। रेलवे ने पहले इस काम को पूरा करने के लिए वर्ष 2023 का लक्ष्य निर्धारित किया था, पर पेड़ कटान पर रोक के चलते धीमा हो गया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस बाधा को दूर करते हुए मथुरा से झाँसी तक रेल लाइन के बीच आने वाले पेड़ों को काटने की अनुमति दे दी है। इन पेड़ों के कटने से बढ़े वायु प्रदूषण से ताजमहल की रंगत न बदले, इसके लिए कार्यदायी संस्था को कोर्ट ने निर्देशित भी किया है।

मथुरा से झाँसी तक तीसरी रेलवे लाइन के बीच 4 ह़जार से अधिक पेड़ को काटने की उच्चतम न्यायालय ने अनुमति दे दी है। मथुरा से झाँसी के बीच रेलवे ट्रैक पर 100 से अधिक ट्रेन दौड़ती हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में मालगाड़ियाँ भी गु़जरती हैं। ऐसे में ट्रैक व्यस्त रहता है। गतिमान, शताब्दी, राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेन को निकालने के लिए दूसरी ट्रेन को खड़ा करना पड़ता है। वहीं, मेल-एक्सप्रेस ट्रेन को पहले आगे निकालने के लिए मालगाड़ियों को लूप लाइन पर खड़ा करना पड़ता है। तीसरी लाइन बनने के बाद ट्रैक पर दबाव कम होगा। इससे ट्रेन की रफ्तार बढे़गी। तीसरी रेल लाइन का निर्माण 160 किलोमीटर प्रति घण्टा की रफ्तार के हिसाब से किया जा रहा है।

झाँसी-आगरा के बीच बढे़गी गतिमान एक्सप्रेस की रफ्तार

देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घण्टा है। दिल्ली से आगरा तक तो गतिमान इसी रफ्तार से आती है, लेकिन आगरा से झाँसी के बीच का ट्रैक गतिमान के लिए मुफीद न होने के चलते इसकी रफ्तार कम हो जाती है। तीसरी लाइन के बनने से गतिमान एक्सप्रेस झाँसी से आगरा तक 160 किलोमीटर प्रति घण्टा की रफ्तार से चल सकेगी। इसके अलावा राजधानी, शताब्दी और मेल-एक्सप्रेस की गति भी बढ़ेगी। ये ट्रेन 130 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से ट्रैक पर दौड़ेंगी। रेलवे के अधिकारी का कहना है कि तीसरी लाइन से यात्री ट्रेन को तो फायदा होगा ही, मालगाड़ियों की रफ्तार भी बढे़गी। जब तीसरा ट्रैक होगा तो मालगाड़ी को रास्ता मिलेगा। इससे मालगाड़ियाँ समय पर पहुँचेंगी और उनकी आवर्ती में भी बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही यदि कभी कोई दुर्घटना या ट्रैक क्षतिग्रस्त होता है, तब तीसरी लाइन का फायदा मिलेगा।

ताजमहल का भी रखना होगा खयाल

देश की सर्वोच्च अदालत ने झाँसी-मथुरा के बीच तीसरी रेल लाइन बिछाने के लिए रास्ते में आने वाले पेड़ काटने की अनुमति तो दे दी है, पर शर्त के साथ। न्यायालय ने कार्यदायी संस्था को यह भी आदेश दिए हैं कि पेड़ काटने से बढ़ने वाले वायु प्रदूषण को नियन्त्रित करने के लिए सभी नियमों का पालन करना होगा। बता दें कि यदि ताजमहल के आसपास के क्षेत्र में वायु प्रदूषण बढ़ा तो उसकी सफेदी में फर्क पड़ सकता है।

दीवार खड़ी कर की जाएगी ट्रैक की सुरक्षा

झाँसी से मथुरा तक बिछाई जा रही तीसरी रेल लाइन हाईस्पीड ट्रेन के लिए तभी सुरक्षित रह सकती है जब उसके आसपास जानवर न पहुँचें। पिछले दिनों जबलपुर-नि़जामुद्दीन के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद मण्डल ने तीसरी लाइन को सुरक्षित करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए मण्डल के साँक-मुरैना रेल खण्ड के बीच पटरी के दोनों तरफ दीवार बनाई जाएगी, जिससे ग्रामीण और उनके जानवर रेल ट्रैक के पास न आ सकें। इसके लिए कई रेल खण्ड चिह्नित किए गए हैं।

फाइल : वसीम शेख

समय : 6 : 35

6 फरवरी 2021

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