स्वभाव से धोखा खाते रहे साथी
झाँसी : आतंकवाद निरोधक टीम की जाँच में सेना के गोपनीय दस्तावेज लगातार आठ साल तक एक तथाकथित मेजर को द
झाँसी : आतंकवाद निरोधक टीम की जाँच में सेना के गोपनीय दस्तावेज लगातार आठ साल तक एक तथाकथित मेजर को देने के आरोपी पाए गए लिपिक का स्वभाव व सरलता लोगों को धोखा देती रही। यही कारण रहा कि शुरुआती दौर में उस पर लगे आरोप लोगों के गले नहीं उतर पाए। साथ ही लिपिक की मलाईदार पदों पर नियुक्ति भी चर्चा में है।
लिपिक राघवेन्द्र अहिरवार लगातार महत्वपूर्ण पटल पर कार्य करता रहा है। वह वर्ष 2009 से 2017 तक एसडीएम सदर के स्टेनो के रूप में कार्य करता रहा है। इस दौरान प्रशासन व शासन स्तर पर कई बदलाव हुए, लेकिन उसका पटल नहीं बदला। अभी दो माह पहले ही उसका स्थानान्तरण एसडीएम कार्यालय से एडीएम (न्याय) के स्टेनो के पद पर हुआ था, लेकिन उसका प्रभाव अभी भी एसडीएम कार्यालय पर था।
राघवेन्द्र अपने स्वभाव व व्यवहार से लोगों को धोखा देता रहा। वह अपने मिलनसार स्वभाव से साथी कर्मचारियों व अफसरों के साथ मिलने वाले लोगों को भी प्रभावित करता था, जिससे उसे अपने कार्य करने में आसानी होती रही। एटीएस की जाँच टीम ने उनसे अपने पदों पर रहते हुए कार्य के बदले अतिरिक्त सुविधा लेने की बात भी स्वीकार की है। इसका प्रभाव उसके मकान तथा खरीदी गयी कृषि भूमि से साफ झलकता है।
एटीएस जारी रखेगी तकनीकि जाँच
एसडीएम के स्टेनो के कार्यकाल में तथाकथित मेजर यादव को रहस्यमय मोबाइल नम्बर से लगातार सेना की गोपनीय सूचनाएं देता रहा। अभी एटीएस उक्त व्यक्ति तक नहीं पहुँच पायी है। इसीलिए एटीएस ने तकनीकि जाँच जारी रखने का निर्णय लिया है। अभी प्रारम्भिक विवेचना में टीम उक्त संदिग्ध व्यक्ति तक नहीं पहुँच पायी है। सम्भावना है कि उक्त व्यक्ति आतंकवादी संगठन का सदस्य हो सकता है। इसकी जाँच के बाद लिपिक पर आरोप का दायरा बढ़ सकता है। शुरुआती दौर में किसी भी अफसर ने लिपिक को लिखित रूप से सेना से सम्बन्धित सूचनाएं किसी अन्य व्यक्ति को देने का आदेश नहीं दिया है, फिर भी टीम इस अवधि में नियुक्त एसडीएम की भूमिका की जाँच करेगी।
आरोपी स्टेनो निलम्बित
झाँसी : एसडीएम सदर कार्यालय से सेना के गोपनीय दस्तावेज आइएसआइ को भेजने के आरोपी स्टेनो राघवेन्द्र अहिरवार को आज देर शाम निलम्बित कर दिया गया। एटीएस की जाँच रिपोर्ट में शासकीय सेवा के दौरान प्रतिबन्धित पत्रावली तथा सेना के गोपनीय दस्तावेज की गोपनीयता भंग करने का दोषी पाया गया। एटीएस ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करने का निर्णय लिया है। एटीएस की जाँच रिपोर्ट मिलने पर ़िजलाधिकारी कर्ण सिंह चौहान ने आज शाम एडीएम (न्याय) के स्टेनो राघवेन्द्र अहिरवार को निलम्बित करने की संस्तुति रिपोर्ट मण्डलायुक्त को दी। इस रिपोर्ट के आधार पर देर शाम मण्डलायुक्त अमित गुप्ता ने आरोपी स्टेनो राघवेन्द्र अहिरवार को निलम्बित कर दिया।
मध्याह्न भोजन कार्य के बदले मिलेगा उपार्जित अवकाश
झाँसी : जनपद में सूखाग्रस्त वर्ष 2016 में गर्मियों के अवकाश के समय भी अध्यापकों को मध्याह्न भोजन के लिए विद्यालय जाना पड़ा था। इस कार्य के एवज में उपार्जित अवकाश मिलेंगे।
सूचना के अधिकार के तहत सचिव बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद ने वर्ष 2016 में मई व जून में अवकाश के समय मध्याह्न भोजन योजना सूखाग्रस्त जनपद होने के कारण संचालित की थी। उपार्जित अवकाश सन्दर्भ में सचिव ने बीएसए के पत्र के आधार पर उपार्जित अवकाश देने की बात स्वीकार की है। पर, इसके लिए शिक्षक-शिक्षिका को 16 दिन से अधिक ग्रीष्मकाल में विद्यालय जाना अनिवार्य है। शासन के आदेश से यदि 40 दिन मध्याह्न बनाया गया, तो 25 दिन का उपार्जित अवकाश मिलेगा। हालांकि, वर्ष 2015 में किए गए रैपिड सर्वे को लेकर उपार्जित अवकाश देय नहीं होगा। परिषदीय अध्यापकों को वैसे नियमानुसार प्रत्येक कलैण्डर वर्ष में एक दिन का उपार्जित अवकाश मिलता है।
बच्चों में कई विद्यालयों में नहीं खाया भोजन
सूखाग्रस्त जनपद की वजह से झाँसी जनपद में ग्रीष्मकालीन अवकाश के समय मध्याह्न भोजन बनाने के निर्देश दिए गए थे। पर, अधिकतर विद्यालयों में बच्चों के भोजन करने की सूचना शून्य ही गयी। इसीलिए 16 दिन विद्यालय खुलने वाले विद्यालय कम ही हैं। दरअसल, कई शिक्षक संगठनों ने इस निर्णय का विरोध किया था। इसीलिए यह योजना सफल नहीं हो पायी थी।